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- मां ज्वाला के दर पर एक...
ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में रविवार छुट्टी वाले दिन एक महीने के लंबे अरसे के बाद थोड़ी बहुत रौनक नजर आई। मंदिर परिसर में आज लंबे अरसे के बाद यात्रियों की लाइनें दिखाई दीं, जिससे मंदिर प्रशासन पुजारी वर्ग कर्मचारी वर्ग शहर के दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि प्रदेश के मनाली, कुल्लू-मंडी और अन्य स्थानों में हुए प्राकृतिक प्रकोप के चलते प्रदेश में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की एकदम कमी नजर आ रही थी। महीने तक लोगों को इस रौनक का इंतजार करना पड़ा।
रविवार को मुख्य मंदिर मार्ग में भी थोड़ी बहुत चहल-पहल नजर आई, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। मंदिर में भी आज माता के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु लाइनों में लगे हुए दिखाई दिए, परंतु मंदिर प्रशासन द्वारा थोड़े बहुत यात्रियों के बावजूद छोटे-छोटे मंदिरों तारा देवी, भैरव बाबा मंदिर, टेढ़ा मंदिर आदि मंदिरों के रास्ते तानाशाही प्रवृत्ति का प्रमाण देते हुए बंद कर देने से न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि यात्रियों को भी निराशा का सामना करना पड़ा मुख्य मंदिर में दर्शन करने के उपरांत श्रद्धालु छोटे छोटे मंदिरों की ओर जाते हैं, परंतु मंदिर प्रशासन द्वारा इन मंदिरों को जाने वाले रास्ते बंद कर दिए जाने से उनकी आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचती है। कई बार दुकानदार और मंदिर संस्थाओं से जुड़े लोग विधायक संजय रतन और मंदिर प्रशासन से आग्रह कर चुके हैं कि छोटे मंदिरों को जाने वाले रास्ते पर पुलिस का जवान खड़ा किया जाए, न कि इन रास्तों को तालाबंदी कर दी जाए, इससे न केवल मंदिर के राजस्व में भी कमी होती है, बल्कि दुकानदारों की रोजी-रोटी भी प्रभावित होती है। लोगों ने इस बाबत शीघ्र ही विधायक संजय रतन से मिलकर अपनी व्यथा सुनाने का निर्णय लिया है, ताकि मंदिर प्रशासन के इस तानाशाही रवैया से राहत मिल सके। उधर, मंदिर अधिकारी तहसीलदार अनिल कुमार ने कहा कि आज लंबे अरसे के बाद मंदिर में रौनक दिखाई दी है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि माता रानी की कृपा से धीरे-धीरे मंदिरों में और शहर में रौनक बढऩे लगेगी और आने वाले नवरात्रों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आएंगे और उनके लिए मंदिर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है।