हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित हुए एलुमनी कार्यक्रम पर राकेश सिंघा ने सवाल खड़े कर दिए

Gulabi Jagat
21 Aug 2022 4:13 PM GMT
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित हुए एलुमनी कार्यक्रम पर राकेश सिंघा ने सवाल खड़े कर दिए
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शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के 50 वर्ष पर विश्वविद्यालय द्वारा एलुमनी कार्यक्रम आयोजित किया गया. विश्वविद्यालय से निकले पूर्व 100 छात्र जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त (HPU Alumni Meet 2022) की है, उनके लिए हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय ने एलुमनी 2022 कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसमें एचपीयू के पूर्व छात्र व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद जगत प्रकाश नड्डा ने बतौर मुख्यथिति शिरकत की. इस दौरान कार्यक्रम में माकपा विधायक राकेश सिंघा व कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हिस्सा लिया. उनके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों की महान हस्तियां भी मौजूद रहीं.
राकेश सिंघा ने कार्यक्रम पर उठाए सवाल: कार्यक्रम के बाद माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कार्यक्रम पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पहल अच्छी की है, लेकिन कार्यक्रम को संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर (MLA Rakesh Singha on HPU Alumni) आयोजित करना चाहिए. उन्होंनें कुछ नामों का जिक्र करते हुए कहा कि, उन्हें इस कार्यक्रम में होना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह यहां नहीं हैं, जिसका उन्हें मलाल है. राकेश सिंघा ने कहा कि एलुमनी 2022 एक अच्छी शुरूआत है लेकिन वह समझते हैं कि इसे और बेहतर बनाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि वह मंच से बोले जरूर हैं, लेकिन वह बोलना नहीं चाह रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके मन में बहुत मतभेद थे, लेकिन उन्होंने यह महसूस किया कि ऐसे मंच से मतभेद उजागर करना ठीक नहीं होगा. इसलिए उन्होंने अपनी बात को संक्षेप में रखा.
राकेश सिंघा
विश्वविद्यालय ने दिए विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर: राकेश सिंघा ने कहा कि विश्वविद्यालय की बहुत बड़ी देन है. चाहे वह मेडिकल साइंस की बात हो या इंजीनियरिंग साइंस की बात हो. आप कोई भी फील्ड उठा कर देख लो विश्वविद्यालय ने हर फील्ड में बड़ी देन दी है और उसका मुख्य कारण था कि जो शुरू का दौर डॉ. परमार के समय का रहा है उस समय उन्होंने संकीर्णता से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय (MLA Rakesh Singha on HPU Alumni) को चलाया है. इसलिए विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर इस विश्वविद्यालय ने दिए. चाहे वो डॉ. आर के सिंह हो, डॉ. भटनागर, डॉ. बच्चन सिंह या डॉ. एस आर मलोहत्रा की बात हो. वह बहुत से विश्वविद्यालय में रहे जहां बुनियाद मेरिट और एक्सीलेंस थी, उसके साथ कोई समझौता नहीं था.
विश्वविद्यालय में खास विचारधारा को दी जा रही प्राथमिकता: राकेश सिंघा ने दुख जताया कि आज इन सभी बातों को छोड़ कर संकीर्ण धाराओं में जा रहे हैं. ये भी नजर आ रहा है कि अब विश्वविद्यालय में नियमों की उल्लंघना की जा रही है और खास विचारधारा को प्राथमिकता दे कर विश्वविद्यालय को चलाया जा रहा है. वहीं, उन्होंने डॉ. तेज प्रताप, डॉ. घनश्याम, डॉ. कश्मीर, डॉ. इंद्र राणा को याद करते हुए कहा कि अगर आज वह भी कार्यक्रम में होते तो ये प्रोग्राम और ज्यादा सुशोभित होता. लेकिन आज उन्हें किसी ने आमंत्रित नहीं किया, जिसका उन्हें बहुत दुख है. सिंघा तंज कसते हुए कहा कि माना आज राज आपका है लेकिन, आधे तुम्हारे होते आधे दूसरे होते तो ज्यादा बेहतर होता.
संकीर्णता से ऊपर उठना जरूरी: जब इस तरह का कोई प्रोग्राम (HPU Alumni Meet 2022) आयोजित होता है तो संकीर्णता से ऊपर उठना जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि वह सपष्ट करना चाहते हैं कि न तो विश्वविद्यालय का इतिहास बदला जा सकता है और न ही इस देश का. जो कुर्बानियां स्वतंत्रता सेनानियों ने दी है और योगदान देश के लिए दिया है उसे कोई नहीं बदल सकता. वाइस चांसलर को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. इस कार्यक्रम में जो भी गलतियां रही हैं उन्हें सुधारा जाना चाहिए. विश्वविद्यालय का एक गौरवमयी इतिहास है, संघर्षों का इतिहास है. विश्वविद्यालय से जो पैदा हुआ है उसने कभी भी झुकना नहीं सीखा. यहां से निकले हर व्यक्ति में धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, जनवादी धारा रही है. आज विश्वविद्यालय में इन्हें मजबूत करने की जरूरत है. शरूआत हुई है, और जो भी कमियां रहीं हैं उन्हें आगे नहीं दोहराना चाहिए और इन्हें सुधारना चाहिए.
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