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बड़ी खबर
शिमला। हिमाचल में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिले पूर्ण बहुमत के पीछे कई कारण रहे हैं। करीब 6 दशक बाद इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बिना चुनाव मैदान में थी, ऐसे में कांग्रेस की जीत के मायने में भी बढ़ जाते हैं। जिस तरह से कांग्रेस ने एकजुटता से पूरा चुनाव लड़ा, उसके पीछे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ ही उनके सहयोगी प्रदेश सह प्रभारी तजेंद्र पाल बिट्टू, संजय दत्त व गुरकीरत कोटली की भूमिका अहम रही।
ऐसे निपटा गुटबाजी से, सभी को लाए एक मंच पर
प्रदेश प्रभारी शुक्ला द्वारा सबसे पहले पार्टी नेताओं में आपसी गुटबाजी खत्म करने के लिए कदम उठाए गए। पार्टी हाईकमान ने शुक्ला की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से कुलदीप सिंह राठौर के हटने पर सांसद प्रतिभा सिंह को पार्टी अध्यक्ष बनाया। इसके बाद उन्होंने विधायक ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया। कार्यकारी अध्यक्षों के साथ ही वरिष्ठ नेता कर्नल धनीराम शांडिल, रामलाल ठाकुर जैसे नेताओं को भी चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई। इससे पार्टी नेताओं में ज्यादा विवाद नहीं हुआ है और सभी ने अपना-अपना दायित्व निभाते हुए मिलकर चुनाव लड़ा।
प्रियंका वाड्रा के प्रचार से बनता गया माहौल
भाजपा के पक्ष में प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं के चुनावी प्रचार का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को चुनावी प्रचार में उतारा। इससे कांगे्रस के पक्ष में माहौल बना। कई स्थानों पर रोड शो भी करवाए गए।
वार रूम के प्रभारी गोकुल बुटेल की भी अहम भूमिका
इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय सह सचिव एवं विधानसभा चुनाव के लिए राजीव भवन मेंं बनाए गए वार रूम के प्रभारी गोकुल बुटेल और उनकी टीम ने पार्टी की जीत का रास्ता प्रशस्त करने में महत्वपूर्ण रोल निभाया। वार रूम के माध्यम से पूरे प्रदेश पर नजर रखी गई और नेताओं व पदाधिकारियों के साथ तालमेल स्थापित किया। इसके साथ ही जहां कुछ कमियां पाई गईं, उसकी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश प्रभारी को दी गई और समय पर विरोधी लहरों का हल निकाला गया।
हिमाचल से जुड़े मसलों पर ही घेरती रही कांग्रेस
कांग्रेस की रणनीति थी कि सत्ताधारी दल भाजपा को प्रदेश के मुद्दों पर ही घेरा जाए। ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश से जुड़े मसलों पर ही फोकस किया। इसके विपरित भाजपा नेताओं ने केेंद्र सरकार के गुणगान करने के साथ ही प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर घेरती रही।
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