हिमाचल प्रदेश

शिमला में बारिश नेे बरपाया कहर, कहीं मलबे में दबीं गाड़ियां तो कहीं भूस्खलन से गिरे पेड़

Shantanu Roy
7 July 2022 10:25 AM GMT
शिमला में बारिश नेे बरपाया कहर, कहीं मलबे में दबीं गाड़ियां तो कहीं भूस्खलन से गिरे पेड़
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बरसात ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण शहर में जगह-जगह भूस्खलन होने से लाखों की संपत्ति का नुक्सान हो गया है। ढली बाईपास रोड के साथ चमियाणा में भूस्खलन होने से सड़क किनारे पार्क 2 गाड़ियां मलबे की चपेट में आ गईं। गाड़ियां मलबे में पूरी तरह से दब गई हैं। साथ ही नाले में पानी और मलबा आने से कई घंटों के लिए सड़क बंद रही। हालांकि मामले की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी लगाकर सड़क को बहाल किया। नालों का पानी और मलबा साथ लगते ग्रामीणों के खेतों में जा पहुंचा, जिससे फसलें भी नष्ट हो गई हैं, वहीं सड़क मार्ग बंद होने से स्कूल-काॅलेज और दफ्तर जाने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

संजौली में भूस्खलन से सड़क पर गिरे पेड़
इसके अलावा संजौली हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में भूस्खलन होने से एक साथ कई पेड़ सड़क पर जा गिरे, जिससे सड़क पूरी तरह से बंद हो गई। सड़क बंद होने से वाहनों की आवाजाही भी ठप्प हो गई थी। मामले की सूचना मिलने के बाद पेड़ों को हटाने का कार्य शुरू किया गया, वहीं ढली में टनल के पास पुरानी पुलिस चौकी के समीप भी एक मकान पर भूस्खलन का मलबा गिरा है, जिससे लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी हैं। वहीं कृष्णानगर में भूस्खलन से सीढ़ीनुमा रास्ता ढह गया, जिससे लोगों को आने-जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
शहर के नाले बंद, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर, दुकानों-घरों में घुसा पानी
मूसलाधार बारिश से शहर के नाले पूरी तरह से बंद हो गए जिससे गंदगी सड़कों व रास्तों पर जा पहुंची, जिससे लोगों को खासी दिक्कतें हुईं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए। शहर के मिडल बाजार, लोअर बाजार, राम बाजार, रूल्दूभट्टा, कृष्णानगर के नाले पूरी तरह से बंद हो गए। नालों के बंद होने के कारण पानी आसपास के लोगों के घरों व दुकानों तक जा पहुंचा। बारिश में अक्सर नालों के बंद होने से गंदा पानी व मलबा लोगों के घरों में घुस जाता है, जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
फिर हांफी गिरि योजना, गाद के कारण लिफ्टिंग बाधित
राजधानी शिमला को जलापूर्ति करने वाली गिरि परियोजना मूसलाधार बारिश के कारण एक बार फिर हांफ गई है। गिरि में भारी मात्रा में गाद आने से पंपिंग लगातार बाधित हो रही है। बुधवार को सुबह हुई तेज बारिश के कारण गिरि नदी में अधिक मात्रा में गाद आ गई है, जिससे बुधवार को पंपिंग बंद रही। ऐसे में यहां से शहर को कम पानी मिला है। इसके अलावा अन्य योजनाओं में भी मूसलाधार बारिश के कारण गाद की समस्या पैदा हो गई है।
बुधवार को सभी योजनाओं से शहर को 39.13 एमएलडी पानी मिला है। इसके अलावा गुम्मा से 21.70, गिरि से 9.20, चुरट से 3.40, सियोग से 0.41, चैयड़ से 0.60 और कोटी बरांडी से 3.81 एमएलडी पानी मिला है, जिसे निर्धारित शैड्यूल के तहत आबंटित करने का दावा कंपनी ने किया है। वहीं जल प्रबंधन कंपनी ने जलजनित रोगों से बचाव को पानी का प्रयोग उबाल कर करने की अपील जनता से की है।
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