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हिमाचल प्रदेश
प्रो. हैमरॉफ ने छात्रों को दी शाबाशी, आईआईटी में 462 छात्र-छात्राओं को सौंपी डिग्रियां
Gulabi Jagat
6 Dec 2022 9:25 AM GMT

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मंडी
सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में 10वां दीक्षांत समारोह हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों में खुशी का माहौल देखने को मिला, जैसे डिग्रियां प्राप्त करने के बाद अपने-अपने उद्देश्य को प्राप्त करने को बेसब्री से इंतजार कर रहे हों। समारोह में संस्थान के 462 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां देकर सम्मानित किया गया और उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित कर जोश भरा गया। वहीं, समारोह में प्रो. स्टूअर्ट आर. हैमरॉफ (एरिजोना विश्वविद्यालय यूएसए) ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि ने अपने संबोधन में कहा कि चेतनी ब्रह्मांड का मौलिक गुण है। क्वांटम ब्रेन के जीव विज्ञान में जो एक इनवार्ड हायरार्की है, वह भारतीय ज्ञान प्रणालियों (जैसे 5 कोश) के अनुरूप है। क्वांटम स्टेट में कमी ब्रेन हायरार्की के विभिन्न स्तरों पर हो सकती है, जैसे ब्रह्म से आत्मा तक। गहरे आंतरिक स्तरों पर जीव विज्ञान से स्वतंत्र स्पेसटाइम ज्योमैट्री में चेतना मौजूद हो सकती थी। थैरेपी का लक्ष्य माइक्रोट्यूव रेजोनेंस होता है अर्थात दर्द सहित सुरक्षित और मस्तिष्क के लिए सुखद, जबकि अल्ट्रासाउंड से मानसिक और संज्ञानात्मक विकारों का इलाज किया जा सकता है।
मुख्यातिथि ने क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम बायोलॉजी को हमारा भविष्य बताया और विद्यार्थियों को इस पर ध्यान देने की सलाह दी। इस दौरान आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के अभिशासक परिषद, अध्यक्ष प्रो. प्रेम व्रत ने मुख्यातिथि व विशेष अतिथियों का शॉल व हिमाचली टॉपी से सम्मानित किया गया। इसके साथ विशेष अतिथियों में डॉ. अखिलेश गुप्ता (सचिव, एसईआरबी, नई दिल्ली), डा. किंगशुक बनर्जी (निदेशक, हिताजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बंगलुरु), वूचान चांग (निदेशक, कोइका इंडिया, नई दिल्ली) आदि सहित छात्र-छात्राओं के अभिभावक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं, संस्थान के अभिशासक परिषद अध्यक्ष प्रो. प्रेम व्रत ने कहा कि आईआईटी मंडी के विद्यार्थियों में सही सोच, ज्ञान और कौशल का विकास कर संस्थान ने उन्हें एक अच्छा इनसान और एक सफल प्रोफेशनल बनने का अवसर दिया है। अब गुरु दक्षिणा का समय आ गया है। वे आजीवन आईआईटी और शिक्षकों से प्राप्त सीख के साथ जीवनयापन करें।
पांच से 15 लाख तक बढ़ाई ग्रांट
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने वह आने वाले वर्षों में संस्थान पर पूरा ध्यान देंगे कि फैकल्टी के सदस्य और शोधार्थी प्रभावशाली शोध प्रकाशित करें, जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के समकक्ष हों। कहा कि शोध के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लक्ष्य से उन्होंने फैकल्टी के सदस्यों के लिए सीड ग्रांट बढ़ाकर 5 लाख से 15 लाख कर दिया है। उन्होंने ग्रेजुएट हो रहे बैच को बधाई दी। उन्होंने कहा कि डिग्रियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों की सफलता आईआईटी मंडी की भी सफलता होगी।

Gulabi Jagat
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