हिमाचल प्रदेश

नगर निगम धर्मशाला का 7वां वार्षिक बजट पेश, मर्ज एरिया में नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स

Shantanu Roy
16 Feb 2023 9:17 AM GMT
नगर निगम धर्मशाला का 7वां वार्षिक बजट पेश, मर्ज एरिया में नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स
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धर्मशाला। नगर निगम धर्मशाला के मर्ज एरिया के लोगों के लिए वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट राहत भरा रहा है। मर्ज एरिया में लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स को फिलहाल के लिए ठंडे बस्ते में ही रखा गया है। बुधवार को नगर निगम धर्मशाला के मेयर ओंकार नैहरिया ने अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। 204.77 करोड़ रुपए के वार्षिक बजट में विकास कार्यों पर सबसे अधिक फोकस रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले यह बजट करीब 16.88 करोड़ रुपए अधिक रहा है।
बजट के अनुसार सभी 17 वार्डों में विकास कार्यों पर 50-50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा पार्कों के निर्माण व मुरम्मत पर 6 करोड़ रुपए और पार्किंगों के निर्माण पर 7 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। बुधवार को मेयर ने 23 मिनट में सालाना बजट पेश किया और सभी पार्षदों व अधिकारियों ने मेज थपथपाकर बजट को बिना आपत्ति स्वीकार किया। इस दौरान डिप्टी मेयर सर्वचंद गलोटिया, आयुक्त अनुराग चंद्र शर्मा, अतिरिक्त आयुक्त पृथी पाल सिंह, पूर्व मेयर रजनी व्यास, देवेंद्र जग्गी व अन्य पार्षद मौजूद रहे।
कहां खर्च होगा पैसा
सभी 17 वार्डों के विकास कार्यों पर 50-50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
जन सहभागिता से विकास के लिए 3 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया। इसमें 50-50 प्रतिशत की भागीदारी लोगों व नगर निगम की रहेगी। इसमें लोग 10 लाख रुपए तक की लागत से सामुदायिक भवन, महिला मंडल भवन, कूहलों, फुटपाथ व फुटब्रिज आदि का निर्माण करवा सकते हैं।
प्राकृतिक जल स्रोतों के रख-रखाव व सफाई व्यवस्था के लिए 20 लाख रुपए का प्रावधान।
नालों व कूहलों के तटीकरण के लिए 5 करोड़ रुपए, जिसमें 3 करोड़ नालों के तटीकरण और 2 करोड़ रुपए कूहलों की मुरम्मत व निर्माण पर खर्च होंगे।
पार्कों के विकास व मुरम्मत के लिए 6 करोड़ रुपए का प्रावधान, जबकि विभिन्न स्थलों पर पार्किंग बनाने और रख-रखाव के लिए 7 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
प्राकृतिक आपदाओं के लिए बजट में 1 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इसके अंतर्गत वार्ड पार्षद 10 लाख रुपए अपने स्तर पर आपदा के दौरान खर्च कर सकता है।
सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए 5 करोड़ रुपए तथा विभिन्न स्थानों पर शौचालयों के रख-रखाव व निर्माण के लिए 30 लाख रुपए का प्रावधान।
सीवरेज व पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने और नई पेयजल योजनाओं व सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है।
बेसहारा पशुओं के लिए बनाई गऊशाला के संचालन के लिए 1 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
नई सड़कों व मार्गों के निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रावधान।
आवारा कुत्तों के टीकाकरण के लिए 2 लाख रुपए का प्रावधान।
प्रॉपर्टी टैक्स से नगर निगम को इस साल 6 करोड़ रुपए की आय अनुमानित है। असाइंड रैवन्यू से 15 करोड़ रुपए, निगम की दुकानों व अन्य इमारतों से 2.65 करोड़ रुपए, फीस और यूजर चार्ज से 18 करोड़ तथा सेल और हायर चार्ज से 5 लाख रुपए आय अनुमानित है। इसके अलावा विज्ञापनों व सोलर प्लांट आदि से भी नगर निगम की आय में बढ़ौतरी होगी। प्लास्टिक वाला कचरा लोगों से खरीदने के लिए 75 रुपए प्रति किलो दाम तय किए गए हैं। इस दाम पर लोगों से प्लास्टिक खरीद कर सीमैंट कंपनियों को बेचा जाएगा। आईएचएसडीपी भवनों के पास एक मैगा वॉट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इसकी मदद से नगर निगम बिजली बेचेगा, जिससे निगम को सालाना करीब 50 लाख रुपए की आय होगी। इसके अलावा डीसी कार्यालय, एसपी कार्यालय, जोनल अस्पताल, शिक्षा बोर्ड और बीडीओ कार्यालय धर्मशाला की छतों पर लगाए गए सोलर पैनल की बिजली को भी बेचने से नगर निगम को सालाना 10 लाख रुपए की आय होगी। नगर निगम की संपत्तियों के जीर्णोद्धार के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया है। कमेटियां समय पर निगम की संपत्तियों की रिपोर्ट सौंपेंगी। इसके आधार पर जिन दुकानों का अनुबंध खत्म हो चुका है, उनका नए सिरे से नवीनीकरण किया जाएगा।
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