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शिमला
राज्य के पंचकर्म केंद्रों को और सुदृढ़ बनाने के लिएहरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि यह पंचकर्म उपचार के उत्कृष्ट केंद्र बन सके। यह बात उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सोमवार को यहां आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मरीजों को उपचार सुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों में विशेष प्रशिक्षित स्टॉफ तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों, जैसे परवाणू, पालमपुर, धर्मशाला व मनाली आदि में पंचकर्म उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे जहां प्रदेश में एक ओर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर विभाग की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने विभाग को राज्य में एकीकृत वेलनेस केंद्रों के विकास के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। आयुष मंत्री ने अधिकारियों को केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर कालेज, पपरोला कांगड़ा को अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान में परिवर्तित करने के प्रस्ताव में तेजी लाने के लिए प्रयार करने के निर्देश दिए। सचिव, आयुष राजीव शर्मा ने आयुष मंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा, ताकि यह प्राचीनतम उपचार पद्धति लोगों में और लोकप्रिय हो सके। निदेशक आयुष विनय सिंह, अतिरिक्त निदेशक ताशी संडुप तथा राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर कालेज पपरोला, कांगड़ा के प्रधानाचार्य डा. विजय चौधरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आयुर्वेदिक दवा निर्माण बढ़ाने पर जोर
आयुष स्वास्थ्य केंद्रों में सेवारत स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक अधिकारियों की सेवाएं आयुष अस्पतालों में ली जा सकती हैं। उन्होंने आयुष विभाग की विभिन्न पहल की सराहना करते हुए राज्य के आयुर्वेदिक औषधालयों को सशक्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। राज्य की विभिन्न दवा निर्माण इकाइयों में आयुर्वेदिक दवाइयों का उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए।
Gulabi Jagat
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