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हिमाचल प्रदेश
मतगणना की तैयारी : जितने काऊंटिंग टेबल, उतने ही एजेंट नियुक्त करने की होगी अनुमति
Shantanu Roy
24 Nov 2022 11:51 AM GMT
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बड़ी खबर
शिमला। चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब 8 दिसम्बर को होने वाली मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसके तहत मतगणना से पहले 2 बार मतगणना का पूर्वाभ्यास प्रशिक्षण होगा। पहला पूर्वाभ्यास प्रशिक्षण ईवीएम मशीनों के माध्यम से 2 या 3 दिसम्बर को किया जाएगा जबकि दूसरा पूर्वाभ्यास मतगणना के एक दिन पूर्व यानि 7 दिसम्बर को होगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने यह जानकारी दी। उन्होंने बुधवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मनीष गर्ग ने बताया कि विधानसभा चुनाव मतगणना राज्य भर में स्थापित 68 मतगणना केंद्रों में 8 दिसम्बर को प्रात: 8 बजे आरम्भ होगी। इस दौरान जितने काऊंटिंग टेबल होंगे, उतने ही काऊंटिंग एजैंट नियुक्त करने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त रिटॄनग अधिकारी काऊंटिंग टेबल तथा डाक मतपत्रों की काऊंटिंग टेबल पर एक काऊंटिंग एजैंट नियुक्त करने की भी अनुमति होगी। रिटर्निंग अधिकारी उम्मीदवारों को मतगणना एजैंटों की संख्या के बारे में भी सूचित करेंगे, जिन्हें उम्मीदवार मतगणना केंद्रों के लिए नियुक्त करेंगे।
काऊंटिंग एजैंट नियुक्ति के लिए भरना होगा फार्म-18
काऊंटिंग एजैंट की नियुक्ति के लिए फार्म-18 भरना होगा। इसके लिए 4 दिसम्बर सायं 5 बजे तक फार्म-18 की 2 प्रतियां फोटो और पहचान पत्र सहित रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा करवानी होंगी। 4 दिसम्बर के बाद फार्म-18 किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होंगे। फार्म-18 में काऊंटिंग एजैंट अपनी नियुक्ति के घोषणा पत्र पर रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष हस्ताक्षर करेंगे। डाक मतपत्रों की गिनती प्रात: 8 बजे आरम्भ की जाएगी, जबकि ईवीएम के माध्यम से डाले गए मतों की गिनती प्रात: 8.30 बजे शुरू हो सकती है।
लॉगबुक एंट्री के बाद खुलेगा स्ट्रांग रूम, होगी वीडियोग्राफी
लॉगबुक में विधिवत एंट्री करने के बाद ही स्ट्रांग रूम को रिटर्निंग अधिकारी अथवा सहायक रिटर्निंग अधिकारी, उम्मीदवार, चुनाव एजैंट और भारत निर्वाचन आयोग के ऑब्जर्वर की उपस्थिति में खोला जाएगा। इस सारी प्रक्रिया की बाकायदा वीडियोग्राफी भी की जाएगी। किसी भी उम्मीदवार या एजैंट को मतगणना कक्ष में मोबाइल फोन, आई-पैड, लैपटॉप और अन्य किसी भी प्रकार के रिकाॅर्डिंग उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
काऊंटिंग एजैंट का भारतीय नागरिक होना जरूरी, आप्रवासी भारतीय को भी छूट
काऊंटिंग एजैंट का भारतीय नागरिक होना जरूरी है, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। राज्य अथवा सरकार में वर्तमान मंत्री, सांसद, विधायक, शहरी निकायों के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष, जिला परिषद तथा खंड विकास समिति के अध्यक्ष, राष्ट्रीय, राज्य तथा जिला सहकारी संस्थाओं के निर्वाचित अध्यक्ष, सरकारी निकायों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त राजनीतिक पदाधिकारी, सरकारी अधिवक्ता तथा सरकारी कर्मचारी इत्यादि को काऊंटिंग एजैंट के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता। यद्यपि किसी आप्रवासी भारतीय (एनआरआई) जो भारत का नागरिक है, को काऊंटिंग एजैंट नियुक्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पार्षद, वार्ड सदस्य, सरपंच अथवा निकाय प्रमुख को भी काऊंटिंग एजैंट के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, बशर्तें उन्हें किसी प्रकार की सरकारी सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई हो।
मतगणना के दिन तक जुड़ेगा चुनाव खर्च
चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों का चुनाव खर्च मतगणना के दिन तक जुड़ेगा। चुनाव खर्च के लेखे-जोखे में विजय उम्मीदवार के विजय जुलूस का खर्च भी जुड़ेगा।
उम्मीदवार स्ट्रांग रूम सुरक्षा निगरानी के लिए कर सकते हैं नियुक्ति
सभी उम्मीदवार स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने के लिए अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति कर सकते हैं। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को इस उद्देश्य के लिए तय दूरी पर लगाए गए टैंटों में बाहर रहने की अनुमति प्रदान की गई है, ताकि वहां से वे स्ट्रांग रूम के प्रवेश द्वारों पर निगरानी रख सकें। किसी भी व्यक्ति के इन्नर कोरिडोर में प्रवेश करने पर प्रभारी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रभारी द्वारा उसकी लॉगबुक में एंट्री की जाएगी। स्ट्रांग रूम के लिए त्रिस्तरीय (थ्री टायर) सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसके लिए प्रथम स्तर पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, दूसरे स्तर पर राज्य सशस्त्र पुलिस बल तथा तीसरे स्तर पर जिला पुलिस बल द्वारा 24 घंटे पहरा दिया जा रहा है।
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