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धर्मशाला: भाजपा के वरिष्ठ नेता व कांगड़ा चंबा के प्रभारी पूर्व मंत्री विपिन सिंह परमार ने प्रदेश सरकार पर बड़ा सियासी हमला किया। श्री परमार ने कहा कि अब कांगड़ा व चंबा का पोलिटिकल मर्डर नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कांगड़ा से भेदभाव के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले सरकार ने शीतकालीन प्रवास नहीं किया और अब कांगड़ा के हिस्से के मंत्री नहीं बनाए जा रहे हैं और न ही धर्मशाला स्थित सचिवालय में कोई मंत्री या सरकार का प्रतिनिधि बैठता है। कांगड़ा की जनता कांग्रेस को दस विधायक देकर भी लज्जित महसूस कर रही है। श्री परमार ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन करते करते कहीं सरकार का ही परिवर्तन न हो जाए। भाजपा नेता विपिन परमार ने सोमवार को धर्मशाला में प्रेदश महामंत्री त्रिलोक कपूर, प्रदेश उपाध्यक्ष पवन काजल, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी संजय शर्मा, विश्व चक्षु, जवाली से संजय गुलेरिया, कांगड़ा के जिलाध्यक्ष सचिन शर्मा और राकेश चौधरी के साथ प्रेस वार्ता कर कहा कि मौजूदा सरकार कांगड़ा व चंबा से भेदभाव कर रही है।
सुक्खू की सरकार अब सूखी सरकार बन गई है। इससे जनता दुखी है। सरकार के मंत्रियों में तालमेल नहीं है। सरकार के एक सचिव अपने घर में कर्मचारियों से घर का काम करवाकर उनका शोषण कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। विपिन परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने वाले कांगड़ा जिला के लाखों मतदाताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
केंद्र से मिली मदद में भी गड़बड़झाला
कांग्रेस के विधायक सुधीर शर्मा विधानसभा का सत्र बुलाने की बात कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बहाने बना रहे हैं, जबकि भाजपा ने कारोना काल में भी तीन सत्र दस से 12 दिनों के करवा कर जनता के हित में काम किया। सरकार मामले से बच रही है। बाढ़ पीडि़तों के लिए केंद्र ने जो 364 करोड़ रुपए दिए, उसकी बंदरबांट की गई है। कांग्रेस नेता, उनके बेटे, बेटियां और पत्नियां उस राशि को अपनों में बांट रहे हैं, जो सही नहीं है।