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ऐप के जरिए चेहरा स्कैन करते ही पुलिस को आपराधिक जानकारी मिल जाएगी
अब फेस स्कैन करते ही संदिग्ध व्यक्ति की आपराधिक जानकारी पुलिस को मिलेगी। यह सब एक एप के जरिये संभव होगा। ऊना पुलिस इस तरह की एप बनवाने के लिए योजना बना रही है। इसके लिए बजट जुटाया जा रहा है। एप से फेस स्कैन करते ही पूर्व के अपराध या फिर किसी मामलों में संलिप्तता की पूरी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध हो जाएगी।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस एप को तैयार करवाने के लिए पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर पहल कर रहे हैं। इस एप में ऊना जिले के अपराधियों और अपराध संबंधी पूरी जानकारी उपलब्ध रहेगी। पूर्व में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे आरोपियों के फोटो, एफआईआर नंबर, किस तरह के अपराध में शामिल रहा है, समेत पूरी जानकारी फेस स्कैन करते ही एप में उपलब्ध हो जाएगी।
संदिग्ध व्यक्ति अब तक कितने और किस तरह के अपराध में शामिल रहा है, यह भी जानकारी भी चुटकियों में मिल जाएगी। इस तरह संदिग्ध व्यक्ति की पूरी जानकारी मौके पर ही मिल जाएगी। थाना में जाकर पता करने को जाने नहीं पड़ेगा। इस तरह फील्ड में जांच में सहायता मिलेगी। इस एप का एक्सेस केवल पुलिस अधिकारियों और जांच अधिकारियों के पास रहेगा। एप में समय के साथ डाटा अपडेट होता रहेगा।
पुलिस अधीक्षक ऊना इस एप में बारीकी से छोटे से छोटे अपराध करने वाले आरोपी की पूरी जानकारी अपडेट करवाने की तैयारी में है। सीआरपीसी 107/51 के तहत गिरफ्तार आरोपियों का डाटा भी इस एप में अपलोड रहेगा। बता दें कि ऊना जिला पंजाब से सटा हुआ होने के कारण यहां अकसर संदिग्ध सक्रिय हो जाते हैं। इनकी तुरंत जानकारी जुटाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन एप से यह सब आसान हो जाएगा। दस्तावेज खंगालने पर कई बार संदिग्ध कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं।
संदिग्ध और आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे आरोपियों की पहचान के लिए एप विकसित करवाने की योजना है। इस एप के जरिये पूर्व में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे लोगों की जानकारी आसानी से मिल पाएगी। इस एप को बनाने का मकसद भी यही है कि फील्ड में जांच के दौरान आसानी से संदिग्धों के आपराधिक संलिप्तता का पता चल सके।