हिमाचल प्रदेश

चक्की पुल पर बसों की पाबंदी के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, चक्का जाम कर जताया रोष

Shantanu Roy
12 Jun 2023 9:30 AM GMT
चक्की पुल पर बसों की पाबंदी के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, चक्का जाम कर जताया रोष
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कंडवाल। करीब 10 माह पहले 20 अगस्त, 2022 को पंजाब-हिमाचल प्रदेश के मध्य बहती चक्की नदी के ऊपर पठानकोट-कुल्लू रेल मार्ग से जोड़ता रेल ट्रैक पुल बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गया था। उस समय कुल्लू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित चक्की नदी के पुल को खतरे में देखते हुए यातायात के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था लेकिन कुछ दिनों बाद जब नदी में पानी कम हुआ तो छोटे वाहनों के लिए तो पुल खोल दिया, जबकि बड़े वाहन बसों व ट्रकों आदि के गुजरने पर प्रतिबंध लगा रहा। जो आज 10 माह बीत जाने के बाद भी नहीं हटाया गया। इसके कारण जहां दोनों राज्यों के आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इस मार्ग पर हरियाल, जंडवाला, कंडवाल, नागाबाड़ी से लेकर ममून तक के दुकानदारों व अन्य व्यापारियों को भी रोजाना आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है।
रविवार को स्थानीय लोगों ने हरियाल के सरपंच प्रदीप मन्हास के नेतृत्व में भारी संख्या में चक्की पुल पर हंगामा करते जाम लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जिनके पास अपने वाहन हैं वे तो आराम से पुल से आ-जा सकते हैं जबकि आम जनता की जमकर लूट हो रही है क्योंकि पुल के ऊपर से बसों के गुजरने की पिछले करीब 10 महीने से पाबंदी लगा रखी है। पाबंदी के बावजूद बड़े वाहन ट्रक, ट्राले आदि सरेआम गुजरते हैं, उनको कोई नहीं रोकता तो क्या उन बड़े वाहनों के आधे से भी कम भार वाली बसों के गुजरने से पुल ध्वस्त हो जाएगा।
लोगों ने कहा कि प्रशासन द्वारा यह कहा गया था कि पुल के पिल्लरों की सुरक्षा के लिए पत्थरों की दीवार (क्रेट) बांधने का काम चल रहा है। मगर अब 10 माह बीतने के बाद भी बसों, ट्रकों आदि बड़े वाहनों के लिए रास्ता न खोलने कारण जहां आम जनता को बस के जरिये 15-20 किलोमीटर का अधिक सफर करके आना-जाना पड़ रहा है, वहीं इस मार्ग पर दुकानदार व अन्य व्यवसाय दम तोड़ने लगे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि अब चक्की नदी में पानी का स्तर भी बहुत कम है तो हरियाल-कंडवाल के मध्य चक्की पुल के ऊपर से बसों को चला देना चाहिए।
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