हिमाचल प्रदेश

लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह, 18 जुलाई तक खराब रहेगा मौसम

Admin4
12 July 2022 10:46 AM GMT
लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह, 18 जुलाई तक खराब रहेगा मौसम
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हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में पिछले साल 12 जुलाई को आई भयंकर बाढ़ और बोह घाटी में हुए भूस्खलन के प्रभावितों के जख्मों पर एक साल बाद भी सरकार मरहम नहीं लगा सकी। वादे तो बहुत किए गए पर पूरे नहीं हुए। पुनर्वास के नाम पर घोषणाएं जमीन पर नहीं उतर सकीं। प्रभावित लोग आज भी वह खौफनाक मंजर याद कर सहम जाते हैं। 12 जुलाई, 2021 को जिला कांगड़ा में बारिश ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान उपमंडल धर्मशाला में कई घर पानी में बह गए थे, वहीं कई पुल, सड़कें और पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई थीं।

मांझी खड्ड किनारे चैतडू में दो दुकानों सहित चार परिवारों के आशियाने पानी के तेज बहाव में बह गए थे। इसके अलावा उपमंडल शाहपुर के तहत आते बोह क्षेत्र में पहाड़ी से मलबा आने के कारण 10 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, वहीं दर्जनों लोग घायल हुए थे। हैरानी इस बात की है कि इनमें से अधिकतर प्रभावित आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। प्रलय के एक साल की ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए संवाददाता ने हर स्पॉट का दौरा किया।

चैतडू में बहे थे चार मकान और दो दुकान

विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला के आखिरी कोने पर बसे चैतडू में प्रलयकारी बाढ़ में चार मकान और दो दुकानें बह गई थीं। आज वहां एक शेड में दुकान चल रही है। एक क्षतिग्रस्त मकान को कंकरीट की दीवार लगाई गई है, जबकि मांझी खड्ड के किनारे कंकरीट की दीवार लगाकर सड़क मार्ग को सुरक्षित किया गया है। लेकिन प्रभावित आज भी बेघर हैं।

अधूरा पड़ा है मनेड़ पुल का निर्माण कार्य

पंचायत ढगवार के कार्यालय के साथ जाने वाले रास्ते पर मनेड़ का पुल आता है, जो बीते साल बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुआ था। इसका एक पिलर क्षतिग्रस्त हुआ है। यहां पर पुल के साथ लगता श्मशानघाट भी बाढ़ की भेंट चढ़ा था। मौके पर देखा तो पाया कि पुल का एक पिलर अभी भी उसी स्थिति में है, जबकि श्मशानघाट के रास्ते पर कंकरीट की दीवार का कार्य चल रहा है, लेकिन अब बरसात के कारण वह ठप पड़ा हुआ है।

शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया पासू का जीप योग्य पुल

पंचायत पासू पंतेहड़ के वार्ड नंबर पांच में जीप योग्य पुल शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पाया है। पुल के बाढ़ में बहे पिलर लोगों को मायूस कर रहे हैं, जबकि उन्हें एक साल बाद भी 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की ओर से की गई वैकल्पिक व्यवस्था भी अब मांझी खड्ड में पानी बढ़ने के साथ बह गई है।

पिलर तो बनाया पर स्लैब नहीं डाली

इसी पंचायत के वार्ड नंबर चार के तहत मांझी खड्ड पर बने पैदल पुल का एक पिलर और साथ लगती बावड़ी पानी की भेंट चढ़ी थी। इस दौरान स्थानीय विधायक के प्रयासों के बाद पुल के पिलर का कार्य तो हुआ, लेकिन इस पर स्लैब नहीं डल सकी। बरसात आते देख ग्रामीणों ने अधूरी पड़े पिलरों पर बांस का पुल खड़ा कर दिया, ताकि वे उफनती खड्ड को पार कर सकें।

सड़क बनी नहीं, कूहल का पता नहीं

इसी पंचायत के वार्ड नंबर तीन में धर्मशाला-चैतडू वाया पासू सड़क मांझी खड्ड की बाढ़ का शिकार हुई थी। एक साल बाद भी यह सड़क नहीं बनी है, जबकि सड़क के साथ बहती कूहल का कोई नामोनिशान ही नहीं है। सड़क को बनाने के प्रयास तो किए गए, लेकिन यह धीमे स्तर पर चले हुए हैं। कूहल न होने के कारण किसानों को बारिश के पानी से धान की रोपाई करनी पड़ रही है।

स्कूल तो बना, लेकिन अभी भी खतरा बरकरार

इसी पंचायत में प्राइमरी स्कूल को तो बना दिया गया, लेकिन स्कूल पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है। क्षतिग्रस्त स्कूल को बनाकर वहां पर कक्षाएं तो शुरू कर दी र्गइं, लेकिन मांझी खड्ड के बहाव को रोकने के लिए पत्थरों की ही दीवार बनाई गई है, जो कभी भी पानी के तेज बहाव से बह सकती है।

एक साल से खड्ड किनारे औंधा मुंह पड़ा है वाटर टैंक

धर्मशाला-गगल वाया शीला सड़क मार्ग पर भटेहड़ के पास एक वाटर टैंक पिछले एक साल से खड्ड के किनारे औंधा मुंह पड़ा हुआ है। इस वाटर टैंक को न तो दुरुस्त किया गया और न ही इसके स्थान पर नया टैंक बनाया गया, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है।

15 दिन में लगा दी थी सुरक्षा दीवार

धर्मशाला-गगल वाया शीला सड़क मार्ग भी 12 जुलाई को काफी प्रभावित हुआ था, जिसे मात्र 15 दिन में ही दुरुस्त कर दिया गया था। मांझी खड्ड के किनारे क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग पर कंकरीट की दीवार बनाई गई है, जो सड़क को सुरक्षा प्रदान कर रही है।

सड़क मार्ग तो सुधारा, पर लटके हैं कई काम

12 जुलाई की प्रयलकारी बाढ़ के कारण पंचायत शीला भुटेहड़ को भी काफी नुकसान हुआ था। पंचायत की सड़क क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसे दुरुस्त कर दिया गया है, लेकिन अभी भी कई कार्य लटके हुए हैं।

नहीं बना पासू पुल

त्रासदी के एक साल में सरकार और जिला प्रशासन ने कई कार्य करवाए हैं। इसमें क्षतिग्रस्त स्कूल का जीर्णोद्धार, सड़क किनारे कंकरीट की दीवार लगाना आदि शामिल है। लेकिन अभी तक पासू का जीप योग्य पुल शिलान्यास के आगे नहीं बढ़ पाया है। -सुमित कुमार, प्रधान पासू पंतेहड़

पोकलैन लगाकर करवा रहे काम: सुधीर

पोकलैन लगाकर विधानसभा क्षेत्र की कई कूहलों को ठीक करवाया है। त्रासदी के एक साल बाद भी मौजूदा सरकार कुछ नहीं कर पाई है। आज भी कई गांव मुख्य सड़क मार्ग से कटे हुए हैं। सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, स्कूल को आज भी खतरा बरकरार है।


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