- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- मंडी से गायब हुई...
![मंडी से गायब हुई नाशपाती, 99 फीसदी कम पहुंची फसल मंडी से गायब हुई नाशपाती, 99 फीसदी कम पहुंची फसल](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/07/05/3119981-5f2ec9beab49f154d7e8bd2a0f76e5de.webp)
कुल्लू न्यूज़: जून-जुलाई माह में बाजार में दबदबा दिखाने वाली कुल्लू की स्वादिष्ट नाशपाती इस बार गायब हो गई है। मौसम के प्रतिकूल बदलाव की मार से फसल को इतनी चोट लगी है कि बागवान से लेकर व्यापारी तक दाने-दाने को तरस रहे हैं। मानसून ने बागवानों के अरमानों को किस हद तक कुचल दिया है इसका सबूत अब आंकड़ों में दिख रहा है। पिछले साल जून के आखिरी हफ्ते और जुलाई के पहले हफ्ते की तुलना में इस बार इसी अवधि में 99 फीसदी कम फसल बाजार में पहुंची है. फसल नगण्य होने के कारण दाम 100 रुपये के पार चल रहे हैं। भुंतर मंडी में नाशपाती को सबसे ज्यादा 120 रुपये दाम मिले हैं। मंडी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अभी तक कुल्लू जिले की मंडियों में केवल 16 टन नाशपाती ही पहुंची है. पिछले साल जुलाई के पहले सप्ताह तक 1750 टन नाशपाती की फसल जिले भर की मंडियों में पहुंच चुकी थी और मंडियों में नाशपाती का ही बोलबाला था। इससे बागवानों और व्यवसायियों में भी गहरी निराशा फैल गई है। यह पिछले कई वर्षों से बागवानों को परेशान कर रहा है।
पांच साल में सबसे कम उत्पादन
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर ही नजर डालें तो हर तीसरे साल नाशपाती का उत्पादन घट रहा है. वर्ष 2018 में 580 टन नाशपाती की फसल जिले की मंडियों में पहुंची, तो वर्ष 2019 में 9810 टन, वर्ष 2020 में 1085 टन, वर्ष 2021 में 4490 टन और वर्ष 2022 में 6055 टन फसल स्थानीय बाजार में पहुंच गई थी। वर्ष 2018 के बाद जिले में नाशपाती का उत्पादन 1000 टन से कम होने की उम्मीद है. लगातार उत्पादन प्रभावित होने से बागवानों का भी नाशपाती से मोहभंग हो रहा है और इसका क्षेत्रफल भी अब नहीं बढ़ रहा है।