हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में नई तकनीक से होंगी पैकिंग, सेब ही नहीं अब सब्जियों के लिए भी गत्ते के बॉक्स तैयार

Renuka Sahu
3 July 2022 2:59 AM GMT
Packing will be done with new technology in Himachal, not only apples, now cardboard boxes are ready for vegetables too
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फाइल फोटो 

हिमाचल प्रदेश के बीबीएन के उद्योग सेब के अलावा अब फल और सब्जियों की पैकिंग के लिए भी गत्ते के बॉक्स तैयार किए जा रहे हैं। इ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश के बीबीएन के उद्योग सेब के अलावा अब फल और सब्जियों की पैकिंग के लिए भी गत्ते के बॉक्स तैयार किए जा रहे हैं। इनकी मांग अब किसान शिमला मिर्च और गोभी की पैकिंग के लिए कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मांग सोलन, सिरमौर और शिमला के निचले क्षेत्रों में शिमला मिर्च के लिए, जबकि लाहौल स्पीति से गोभी पैक करने के लिए आ रही है।

उद्योगपतियों के अनुसार उनके पास जितनी मांग आ रही है, उसमें 40 फीसदी बॉक्स की मांग शिमला मिर्च और गोभी की पैकिंग के लिए भी आ रही है। अभी तक बीबीएन में इस सीजन में चार करोड़ से ज्यादा बॉक्स सेब के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही शिमला मिर्च और गोभी के लिए भी डेढ़ करोड़ से अधिक बॉक्स तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा केले के लिए भी बड़े बॉक्स तैयार किए जा रहे हैं, जो बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे हैं। वहीं ऊपरी शिमला के लिए छोटे बॉक्स चेरी, प्लम, खुमानी के लिए भी तैयार किए जा रहे हैं।
यह है कीमत
गत्ता उद्योग संचालकों के अनुसार पहले केवल सेब के लिए ही बॉक्स तैयार किए जाते थे, मगर अब सब्जियों के लिए भी काफी डिमांड आने लगी है। सेब का एक डिब्बा जहां 70 से 80 रुपये बागवानों को पड़ रहा है। वहीं गोभी, शिमला मिर्च और केले के लिए 40 से 50 रुपये और चेरी, बादाम, प्लम के लिए डिब्बे दस से 15 रुपये में बागवानों को मिल रहा है।
बॉक्स में खराब होने का डर नहीं
शिमला मिर्च, गोभी और केले के साथ-साथ अन्य फलों को गत्ते के बॉक्स में इसलिए भी रखा जाता है, क्योंकि गत्ते के यह बॉक्स काफी मोटे होते हैं और इसमें इनके खराब होने का डर नहीं होता। साथ ही शिमला मिर्च के फटने का भी डर नहीं रहता। ऐसे में किसान अब बाहरी राज्यों की मंडियों में गत्ते के बॉक्स में पैक करके सब्जियां भेज रहे हैं।
पहले केवल सेब के लिए ही बॉक्स तैयार किए जाते थे, मगर अब अन्य फल और सब्जियों के लिए डिब्बों की मांग आ रही है। अब शिमला मिर्च, लाहौल स्पीति की गोभी और केले के लिए बॉक्स की मांग लगातार आ रही है। हर साल जितने भी बॉक्स तैयार हो रहे हैं, उसमें 40 फीसदी तक बॉक्स शिमला मिर्च, गोभी और केले के लिए दिए जा रहे हैं।
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