हिमाचल प्रदेश

24 में से सिर्फ एक महिला जीतीं, सरवीन, आशा, रीता धीमान हारीं, 12 नए चेहरे जीते

Shantanu Roy
9 Dec 2022 9:32 AM GMT
24 में से सिर्फ एक महिला जीतीं, सरवीन, आशा, रीता धीमान हारीं, 12 नए चेहरे जीते
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परौर। हिमाचल प्रदेश में इस विधानसभा चुनाव में 412 प्रत्याशी मैदान में थे। इसमें से 24 महिला प्रत्याशी थीं। प्रदेश में इस बार सिर्फ एक महिला पच्छाद से भाजपा की रीना कश्यप चुनकर विधानसभा पहुंची हैं। वहीं, तीन निर्दलीयों ने भी जीत का परचम लहराया है। 2017 के चुनाव में चार महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। इंदौरा सीट से रीता देवी, भोरंज से कमलेश कुमारी, शाहपुर से सरवीण चौधरी, डलहौजी से आशा कुमारी जीती थीं। वहीं, दूसरी तरफ 2019 में पच्छाद में हुए उपचुनाव में रीना कश्यप को भाजपा ने पहली बार पार्टी का टिकट दिया और वह जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंची। हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह विधानसभा क्षेत्र पच्छाद में इस बार भाजपा व कांग्रेस की दो महिला प्रत्याशियों की राह में निर्दलीय उम्मीदवार गंगूराम मुसाफिर थे। भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप को 21215 वोट मिले और कांग्रेस प्रत्याशी दयाल प्यारी को 17358 वोट मिले। रीना कश्यप ने 3857 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। पिछले कई वर्षों में यह पहला मौका है जब विधानसभा चुनाव में केवल एक महिला को ही जीत नसीब हुई है। 13वीं विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 5 थी। इसमें चार भाजपा और एक कांग्रेस की विधायक थीं।
पहले चुनाव में 12 ने किया जीत के साथ आगाज
विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को जनता का खूब समर्थन मिला है। यही वजह है कि 12 नए चेहरे अपने पहले विधानसभा चुनाव में ही जीतने में कामयाब हुए हैं। इसमें भाजपा के 6, कांग्रेस के पांच व एक निर्दलीय हैं। भाजपा की ओर से बिलासपुर से त्रिलोक जम्वाल, भरमौर से डा. जनकराज, सरकाघाट से दलीप ठाकुर, करसोग से दीप राज, द्रंग से पूर्ण चंद व आनी से लोकेन्द्र कुमार चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की ओर से ठियोग से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, नगरोटा बगवां से आरएस बाली, गगरेट से चैतन्य शर्मा, ङ्क्षचतपूर्णी से सुदर्शन सिंह बबलू व कुटलैहड़ से देवेन्द्र सिंह भुट्टो चुनाव जीते हैं। इसी तरह हमीरपुर से निर्दलीय चुनाव जीते आशीष शर्मा प्रमुख हैं।
मंत्री, विधायक संग आजाद प्रत्याशी चारों महिलाएं हारीं
जिला कांगड़ा में चार विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रही महिला प्रस्ताशियों में से एक भी महिला उम्मीदवार अपने पैर जमाने में अस्मर्थ रही हैं। जहां शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक व मंत्री रही सरवीण चौधरी को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा। वहीं इंदौरा विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक रिता धीमान भी अपनी कुर्सी नहीं बचा सकी। इसके अलावा नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी से प्रस्याशी रही मनीषा कुमारी केवल 271 वोट की हासिल कर सकी। वहीं सुलह विभानसभा क्षेत्र में आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी रेखा रानी को भी केवल 203 मत ही प्राप्त हुए। इसी के साथ सबसे बड़े जिला में एक भी महिला उम्मीदवार महिलाओं को अपनी ओर करने में फेल रही। बता दें कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से सरवीण चौधरी लगातार 2007 से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची थी। सरवीण चौधरी 2007, 2012 व 2017 के चुनावों में लगातार जीती थी। लेकिन इन चुनावों में उन्हें 12243 मतों से हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र इंदौरा से भी रीता धीमान को 2250 वोटों से हार का मुह देखना पड़ा। वहीं बात करें अन्य दोनों महिला प्रत्याशियों की तो उनसे अधिक वोट लोगों में नोटा को डाले हैं।
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