हिमाचल प्रदेश

जेबीटी यूनियन की याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश, बीएड डिग्री धारकों के जेबीटी टेट देने पर रोक

Renuka Sahu
25 Nov 2022 6:09 AM GMT
Order of Himachal Pradesh High Court on the petition of JBT Union, ban on giving JBT Tet to B.Ed degree holders
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता जेबीटी अभ्यर्थियों की याचिका की सुनवाई करते हुए बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट परीक्षा देने पर रोक लगा दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता जेबीटी अभ्यर्थियों की याचिका की सुनवाई करते हुए बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट परीक्षा देने पर रोक लगा दी है। यह फैसला प्रारंभिक शिक्षा विभाग की सलाह पर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने लिया था। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है और मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर तय की है। जेबीटी यूनियन के अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की पांच नवंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी थी। अधिसूचना में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट परीक्षा के लिए पात्र किया गया था। गौरतलब है कि कोर्ट ने जेबीटी भर्तियों से ही जुड़े एक मामले में फैसला सुनाया था कि एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाना जरूरी है।

अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के तहत इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए अयोग्य हो गए थे। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि एनसीटीई की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट के लिए पात्र किया गया है, उसे राजस्थान हाई कोर्ट भी रद्द कर चुका है। हिमाचल प्रदेश हाई क ोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका लंबित है। एनसीटीई की 28 जून, 2018 की अधिसूचना की वैधता सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। ऐसे में बीएड धारकों को जेबीटी टेट के लिए पात्र करने का निर्णय सरासर गलत है। मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
जेबीटी यूनियन ने किया फैसले का स्वागत
धर्मशाला। जेबीटी यूनियन के अध्यक्ष मोहित ठाकुर ने कहा की यूनियन की ओर से हाई कोर्ट में पैरवी करते समय यह दलील रखी गई थी कि जब जेबीटी बनाम बीएड केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, तो वर्तमान में शिक्षा विभाग को जेबीटी टेट में नियम बदलने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। जेबीटी प्रशिक्षित बेराजगार संघ के महासचिव जगदीश परियाल ने कहा कि प्रदेश के तमाम जेबीटी प्रशिक्षुओं को कोर्ट के इस निर्णय से राहत मिलेगी।
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