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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शिक्षा सचिव को आगामी 22 अगस्त तक अदालत के निर्णय को लागू करने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर शिक्षा सचिव को अदालत के समक्ष तलब किया गया है।
टीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता पदोन्नति के लिए डीपीसी प्रक्रिया में हो रही देरी पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शिक्षा सचिव को आगामी 22 अगस्त तक अदालत के निर्णय को लागू करने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर शिक्षा सचिव को अदालत के समक्ष तलब किया गया है। रविंद्र सिंह की ओर से दायर अवमानना याचिका में अदालत ने यह आदेश पारित किए। उच्च न्यायालय ने सात जनवरी 2022 को पारित निर्णय में स्पष्ट किया था कि टीजीटी शिक्षक रविंद्र सिंह और ऐसे अन्य शिक्षक इतिहास विषय में रिक्त पड़े प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत किए जाएं।
जिसके लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक तीन माह यानि सात अप्रैल 2022 तक पूर्ण की जाए। याचिकाकर्ता रविंद्र कुमार की बतौर टीजीटी पद पर पांच साल सेवाकाल वर्ष 2014 में पूरा हो गया था। कई बार उसका नाम पदोन्नति के लिए भेजा गया। शिक्षा विभाग में प्रवक्ता इतिहास के 95 पद रिक्त रहने पर भी प्रार्थी को पदोन्नति नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे कि इतिहास विषय में विशेष डीपीसी करते हुए प्रार्थी और ऐसे अन्य पात्र शिक्षकों को टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति दी जाए। शिक्षा विभाग अदालत की ओर से पारित आदेशों को लागू नहीं कर सका।
डीपीसी प्रक्रिया अविलंब शुरू करे विभाग
टीजीटी कला संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने कहा कि टीजीटी से प्रवक्ता और हेडमास्टर पदोन्नतियों के लिए सारी प्रक्रिया पूर्ण होने पर डीपीसी में और विलंब अपेक्षित नहीं है। शिक्षा विभाग पदोन्नति सूचियां शीघ्र जारी करें।