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हिमाचल प्रदेश
लोकतंत्र प्रहरी योजना को खटाई में डालने पर विपक्ष ने उठाए सवाल, एमरजेंसी में जेल गए नेताओं की पेंशन पर सदन में हंगामा
Gulabi Jagat
30 March 2023 2:55 PM GMT
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शिमला: आपातकाल में जेल गए नेताओं पर बुधवार को सदन में हंगामा हो गया। लोकतंत्र प्रहरी योजना पर सत्ता-पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। इस योजना में आपातकाल के दौरान जेल में गए नेताओं और उनके परिजनों को पेंशन का प्रावधान किया गया था। पूर्व सरकार ने इस राशि की व्यवस्था की थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद मौजूदा सरकार ने इस योजना को खटाई में डाल दिया है। सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मामले पर विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया और अध्यक्ष से मामले पर चर्चा की मांग की। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज की गई, लेकिन विपक्ष के विरोध को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने जयराम ठाकुर को बोलने का मौका दे दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी के खिलाफ कोर्ट का फैसला आने के बाद आपातकाल के आदेश जारी किए गए।
इन आदेशों में लोकतंत्र का समर्थन करने वालों को जेल में डाला गया। पूर्व सरकार ने सत्ता संभालने के बाद स्वतंत्रता के प्रहरी योजना शुरू कर जेल गए लोगों के परिजनों के लिए सम्मान राशि का प्रबंध किया था। प्रदेश में 80 परिवारों को सम्मान राशि दी जा रही थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस राशि को बंद कर दिया है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षबर्धन चौहान ने नेता प्रतिपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि भाजपा ने सत्तासीन होने के बाद आरएसएस के लोगों को पेंशन के नाम पर यह राशि दी है। राशि पाने वालों में कोई भी गरीब घर से नहीं है, बल्कि बड़े ओहदों पर बैठे नेता या उनके परिवार के लोग हैं, जिन्हें यह राशि दी जा रही थी। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इसके बाद में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पूरे मामले पर कहा कि सदन में इस बिल को भविष्य में जब चर्चा के लिए लाया जाएगा, तो वह इसका जवाब देंगे।
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