हिमाचल प्रदेश

लोक अदालतों में निपटाए एक करोड़ केस, धर्मशाला में बोले हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस

Renuka Sahu
26 Sep 2022 1:25 AM GMT
One crore cases settled in Lok Adalats, Chief Justice of High Court said in Dharamsala
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

देशभर में लोक अदालतें भी अब महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं। लोक अदालतों में देश भर में एक करोड़, जबकि हिमाचल में 26 हजार केस सुलझाए गए हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देशभर में लोक अदालतें भी अब महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं। लोक अदालतों में देश भर में एक करोड़, जबकि हिमाचल में 26 हजार केस सुलझाए गए हैं। यह बात धर्मशाला में आयोजित राष्ट्रीय विधिक महाशिविर के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश लोक अदालत, धर्मशाला, हाई कोर्ट चीफ जस्टिस, अमजद ए सईद, हिमाचल प्रदेश समाचार, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, Lok Adalat, Dharamsala, High Court Chief Justice, Amjad A Sayeed, Himachal Pradesh News,

ने कही। बता दें कि धर्मशाला में आयोजित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली सौजन्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा महाशिविर का आयोजन नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुलिस मैदान धर्मशाला में किया गया। इस राष्ट्रीय विधिक सेवा महाशिविर में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश उदय उमेश ललित मुख्यातिथि के रूप में पहुंचने वाले थे, जबकि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू विशेष अतिथि और न्यायाधीश व कार्यकारी न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ के पहुंचने का शेड्यूल था, लेकिन हिमाचल में मौसम खराब होने से कांगड़ा गगल एयरपोर्ट में फ्लाइट न आने के कारण वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। इसके चलते प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सईद ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा विभिन्न योजनाओं के 10 लाभार्थियों को लाभ प्रदान किए गए, जिसमें दो परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख के चेक, सिलाई मशीनें और दिव्यांगों को व्हीलचेयर प्रदान की गर्ईं।

इस दौरान हिमाचल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमजद ए. सैयद ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कहा कि सभी के लिए प्रावधान है कि उन्हें बराबर न्याय व मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाए। इसी के चलते केंद्र सरकार ने कानून बनाकर विधिक सेवाएं प्राधिकरण का गठन कर पात्र लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कई मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से भी सुलझाया जा रहा है। उच्च न्यायालय न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण सबीना ने कहा कि प्रदेश में हर घर विधिक जागरूकता अभियान शुरू कर 39 हज़ार 200 लोगों से संवाद किया गया। इस दौरान कानूनी सहायता प्राप्त करने वाले 1508 लाभार्थियों की भी पहचान हुई। कार्यक्रम में प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना, विवेक ठाकुर, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक जैन, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रेम पाल रांटा भी के अलावा जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायाधीश सुशील कुकरेजा, वीरेंद्र सिंह, सत्येन वैद्य, सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा, रजिस्ट्रार जनरल अरविंद मल्होत्रा, एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा, जि़ला एवं सत्र न्यायाधीश अजय मेहता व अन्य मौजूद रहे।
रामायण-महाभारत से सीख
कार्यक्रम के दौरान न्यायाधीशों ने रामायण-महाभारत के उदाहरण देकर कोर्ट केस होने व उन्हें समाप्त करने का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि घमंड ने रावण की सोने की लंका सहित नाश किया, जबकि दुर्योधन को अपना समस्त वंश खोना पड़ा। न्यायधीशों ने मध्यस्थता को लेकर भी उदाहरण दिए। रामायण में हनुमाद, अंगद और महाभारत में कृष्ण भी समझौते की बात लेकर गए थे, लेकिन घमंड ने सब तबाह करवा दिया।
क्या बोले मुख्य न्यायाधीश
राष्ट्रीय महाशिविर में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद ए सईद ने कहा कि समाज के सभी वर्गो में शांति और भाईचारा स्थापित करना कानून का अंतिम लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि ऐसे शिविरों का मूल उदेश्य लोगों में न्याय के बारे में साक्षरता व जागरूकता पैदा करना है। लोगों को सामान्य संवाद से कानून के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूक कर सुलाह व समझौतों द्वारा फैसला करने के लिए प्रेरित करना हैं।
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