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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के अधिकारियों ने की चर्चा, अब वन बचाने को चार राज्यों का प्लान
Gulabi Jagat
14 Jan 2023 8:20 AM GMT
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शिमला
जंगल की आग रोकने में फ्रंटलाइन वर्कर और समुदाय के योगदान की जरूरत है। यह बात हिमालयन फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट (एचएफआरआई) के प्रभारी निदेशक डा. संदीप शर्मा ने कही। वह शुक्रवार को जंगल में आग नियंत्रित करने को लेकर आयोजित चार राज्यों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जंगलों में आग दशकों से एक न मिटाई जा सकने वाली और बढ़ती हुई चुनौती रही है। इस आपदा के कारण होने वाली आर्थिक और पारिस्थितिक बहुत बड़ी क्षति है। हालांकि जंगल की आग से निपटने, उसे कम करने और प्रतिक्रिया देने के लिए प्रणालियां मौजूद हैं। इन्हें अभी भी इसे पूर्ण प्रमाणिक बनाना है, इसमें सभी हितधारक शामिल हों। कार्यशाला को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से वित्त पोषित किया गया था। जो भारत में आपदा प्रबंधन के लिए शीर्ष निकाय है।
हिमाचल वन विभाग, जम्मू और कश्मीर वन विभाग, उत्तराखंड और पंजाब वन विभाग सहित हिमाचल दमकल विभाग के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर निदेशक डा. संदीप शर्मा ने कहा कि जंगल की आग रोकने के लिए समुदाय की भूमिका अहम है। इस मौके पर जेटी एनडीएमए के सचिव कुणाल सत्यार्थी ने उनके द्वारा विकसित और समर्थित की जा रही नवीन योजनाओं और पहलों के साथ-साथ जंगल की आग के प्रति एनडीएमए की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि विकासशील देशों में भारत पहला देश है, जिसके पास ऐप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में आपदाओं के बारे में अलर्ट सिस्टम है। पीसीसीएफ और एचओएफएफ अजय श्रीवास्तव ने हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने जंगल की आग से संबंधित बुनियादी समस्याओं को साझा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आग से निपटने का प्रतिक्रिया समय बहुत कम है, और जंगल की आग को नियंत्रित करने के लिए एक प्रमुख बाधा है। उन्होंने आगे जंगल की आग को नियंत्रित करने में समुदायों की आवश्यक भूमिका को दोहराया। विभिन्न संगठनों और संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभागियों को इस बेहद संवेदनशील जंगल की आग के मुद्दे पर अपनी राय और अनुभव को संबोधित करने का अवसर दिया गया, जिन्होंने अपने विविध दिलचस्प और अभिनव विचारों को भी रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दो प्रमुख समूह, राज्य वन विभाग के फ्रंटलाइन कर्मचारी और स्थानीय समुदाय, दोनों इस क्षेत्र में इन आग को नियंत्रित करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
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