हिमाचल प्रदेश

हर दिन 5 घंटे लगन के साथ काम करें अधिकारी तो 4 वर्षों में बदलेगी कांगड़ा की तस्वीर : सुखविंदर सिंह

Shantanu Roy
24 May 2023 8:15 AM GMT
हर दिन 5 घंटे लगन के साथ काम करें अधिकारी तो 4 वर्षों में बदलेगी कांगड़ा की तस्वीर : सुखविंदर सिंह
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धर्मशाला। हर दिन अगर अधिकारी 5 घंटे लगन व मन लगाकर काम करें तो अगले 3 से 4 वर्षों में जिला कांगड़ा की तस्वीर बदल जाएगी। इसके लिए हर अधिकारी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने धर्मशाला में आयोजित टूरिज्म कैपिटल कांगड़ा की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। प्रदेश की आॢथकी को सुधारने में करीब 4 साल का समय लगेगा और इसके लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। 4 वर्ष बाद हिमाचल देश का पहले मजबूत व अमीर प्रदेश उभरकर सामने आएगा। कांगड़ा जिले में पानी की सुविधा सबसे अधिक है, इसी तो ध्यान में रखते हुए कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाया गया है। जिला कांगड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार 3 हजार करोड़ रुपए विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च किए जा रहे हैं। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार और रक्कड़ तथा पालमपुर में हैलीपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने परियोजना को समय सीमा के भीतर पूरा करने और एफसीए और एफआरए की मंजूरियों में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ज्वालाजी में हैलीपोर्ट के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। सीएम ने बैठक में निर्देश दिए की सभी आरटीओ अपने-अपने क्षेत्र के निजी ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक कर उन्हें इलैक्ट्रिकल वाहनों के लिए प्रेरित करें। इससे युवाओं के लिए रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। सीएम ने कहा कि पौंग बांध में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। इस हब में गर्म हवा के गुब्बारे, जेटी, एंगलिंग केंद्र, एंगलर हट्स, पैडल बोट और पेंटबॉल और रॉक क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियों के साथ एक मनोरंजन पार्क जैसी विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने देहरा विधानसभा क्षेत्र के बनखंडी क्षेत्र में प्राणी उद्यान की योजना पर भी चर्चा की। 195 हैक्टेयर भूमि पर बनने वाले इस पार्क का उद्देश्य आगंतुकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करना है। यह उम्मीद है कि मोनोरेल से जंगली प्राणी दिखाई देंगे और उन्हें खुले बाड़ों में रखा जाएगा। पार्क के लिए केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजैडए) से जून माह तक अनुमति प्राप्त होने की उम्मीद है। इसके प्रथम चरण के विकास में लगभग 260 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
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