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अब राइडर-जेओए पर तेज हुई हलचल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फाइनांस सेक्रेटरी को दिए निर्देश
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गत सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद राइडर और जूनियर ऑफिस असिस्टेंट को क्लर्क के समकक्ष वेतन देने के लंबित मामले पर हलचल शुरू हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना से सारे मसले पर चर्चा की है। मंगलवार शाम को फिर से फाइनांस सेक्रेटरी मुख्यमंत्री से मिले हैं। इसलिए यह उम्मीद जगी है कि पे-रिवीजन रूल्स में संशोधन की अधिसूचना जल्द जारी हो सकती है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि बुधवार 24 अगस्त को मुख्यमंत्री कुल्लू जिला के दौरे पर जा रहे हैं और यहां गृहिणी सुविधा योजना के सम्मेलन के बाद शाम को मुख्यमंत्री की एक शाम-कर्मचारियों के नाम कार्यक्रम अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने रखा है। इसलिए इस कार्यक्रम से पहले राइडर को लेकर नोटिफिकेशन जारी करने का दबाव अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने बनाया हुआ है। इस समय महासंघ भी पे-कमिशन एरियर के बजाय राइडर के सब्जेक्ट पर ही ज्यादा फोकस कर रहा है। महासंघ पर भी दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि नोटिफिकेशन जारी होने में बहुत लंबा वक्त लग गया। इसकी एक वजह यह भी है कि इस मामले में मुख्यमंत्री ने तीन अप्रैल, 2022 को पहली घोषणा की थी, लेकिन अब तक यह प्रभावी नहीं हो पाई है। कर्मचारी भी इंतजार करके थक गए हैं। यदि राज्य सरकार से नोटिफिकेशन हो जाए, तो 2017 के बाद के पुलिस कांस्टेबल भी इस्लाम के दायरे में आ जाएंगे। इन्हें भी हायर पर बैंड का लाभ मिल जाएगा। वित्त विभाग में चर्चा है कि दिहाड़ीदारों की वजह से यह मामला अटका हुआ है, क्योंकि फाइनांस के कुछ अफसर डेली वेजर्स को भी इसके दायरे में लाना चाहते हैं। देखना यह है कि इस बारे में नोटिफिकेशन में और कितना वक्त लगता है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री को सभी स्थितियों से अवगत करवा दिया गया है और उम्मीद है कि वित्त विभाग के अफसर भी नींद से जागेंगे।