हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में अब चंदन नीति बनाने की तैयारी में प्रदेश सरकार, सफेद-लाल चंदन के पौधे उगाने, काटने-कारोबार पर चर्चा

Renuka Sahu
27 Aug 2022 1:36 AM GMT
Now the state government in preparation for making sandalwood policy in Himachal, discussion on growing, cutting-business of white-red sandalwood plants
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फाइल फोटो 

हिमाचल में चंदन की खेती अब नीतिगत होगी। पहली बार प्रदेश सरकार चंदन नीति बनाने की तैयारी में है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में चंदन की खेती अब नीतिगत होगी। पहली बार प्रदेश सरकार चंदन नीति बनाने की तैयारी में है। इस नीति के तहत प्रदेश में चंदन के पौधे उगाने और कारोबार के मकसद से इन्हें काटने या आगे सप्लाई करने की व्यवस्था तय की जाएगी। फिलहाल, चंदन नीति पर विभाग स्तरीय मंथन शुरू हो चुका है। वन विभाग इस नीति को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा है और इस कड़ी में बड़े पैमाने पर उन जगहों की भी जांच की जा रही है, जिनमें चंदन को उगाया जा सके। इस समय हिमाचल के कांगड़ा समेत अन्य जिला में बेहद सीमित क्षेत्र में चंदन की खेती की जा रही है, लेकिन अभी तक हिमाचल में उगने वाले चंदन के पेड़ों का बड़े पैमाने पर अध्ययन नहीं हुआ है।

इनकी गुणवत्ता की जांच होना भी बाकी है। प्रदेश सरकार ने चंदन नीति को लेकर जो पैमाने तय किए हैं। इनमें पहली प्राथमिकता उच्च गुणवत्ता के पौधे लगाने, इनकी देखभाल करने और पेड़ तैयार होने पर इन्हें काटने और आगे बाजार तक पहुंचाने की तैयारी चल रही है। वन विभाग इस होमवर्क को पूरा करने के बाद विस्तृत रिपोर्ट सरकार के सुपुर्द करेगा। इस रिपोर्ट का आकलन होने के बाद चंदन की खेती पर अंतिम मुहर लगेगी। प्रदेश में कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर के साथ ही सिरमौर जिला में भी सफेद चंदन उगाने के प्रयास लगातार हो रहे हैं। इन जगहों पर सीमित मात्रा में चंदन के पेड़ मौजूद भी हैं। इसके साथ ही प्रदेश में लाल चंदन उगाने को लेकर भी शोध शुरू हुआ है। औद्यानिकी और वानिकी संस्थान नेरी के वैज्ञानिक लाल चंदन उगाने का प्रयास कर रहे हैं।
चल रहा शोध
अजय श्रीवास्तव, प्रधान मुुख्य अरण्यपाल ने कहा कि हिमाचल में चंदन पर शोध चल रहा है। किन क्षेत्रों में चंदन की कौन सी प्रजाति उगाई जा सकती है, विशेषज्ञ इस पर मंथन कर रहे हैं। प्रदेश में जिन जगहों पर चंदन के पेड़ उगाए जा रहे हैं और इनमें किस तरह का सुधार लाया जा सकता है, इन सभी विषयों पर बैठकें आयोजित हो रही हैं। चंदन नीति बेहद शुरुआती दौर में है और आगामी दो हफ्तों में बैठकों का निचौड़ सामने होगा। इसके बाद प्रदेश में उन जगहों का भी अध्ययन किया जाएगा, जहां चंदन की खेती हो सकती है। चंदन उत्पादकों को नया बाजार उपलब्ध होने वाला है।
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