हिमाचल प्रदेश

अब खुद जज बने न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, कभी एमबीबीएस में दाखिला न मिलने पर हाई कोर्ट में डाली थी याचिका

Gulabi Jagat
16 Aug 2022 3:18 PM GMT
अब खुद जज बने न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, कभी एमबीबीएस में दाखिला न मिलने पर हाई कोर्ट में डाली थी याचिका
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शिमला: जीवन में कई बार अजब संयोग घटित होते हैं. मंगलवार को न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश की शपथ ली. एक समय ऐसा था जब सुशील कुकरेजा ने छात्र जीवन में एमबीबीएस में दाखिला न मिलने पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अब वे उसी हाई कोर्ट में न्यायाधीश हैं. सुशील कुकरेजा छात्र जीवन में डॉक्टर बनने की इच्छा रखते थे. उन्होंने वर्ष 1984 में प्री मेडिकल टैस्ट यानी पीएमटी की परीक्षा पास की थी. तब उनके 232 अंक आए थे. पीएमटी परीक्षा हिमाचल यूनिवर्सिटी आयोजित करती थी. उस दौरान 232 अंक हासिल करने के बावजूद सुशील कुकरेजा को एमबीबीएस में दाखिला नहीं मिला तथा 223 अंक हासिल करने वाले को प्रवेश दिया गया.
हिमाचल यूनिवर्सिटी के इस (Story of Justice Sushil Kukreja) फैसले को सुशील कुकरेजा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उस याचिका पर फैसला 1995 में आया. सुशील कुकरेजा ने तब कानून की पढ़ाई शुरू कर दी थी और फैसले आने के वक्त वे वकालत के पेशे में आ गए थे. वहीं, एक दिलचस्प तथ्य ये है कि सुशील कुकरेजा ने छात्र जीवन में एमबीबीएस में दाखिला न मिलने पर हाई कोर्ट में जो याचिका दाखिल की थी, उसका फैसला आने में एक दशक से अधिक समय लगा.
जब फैसला आया तो हाई कोर्ट ने एचपी यूनिवर्सिटी (Student Life of Judge Sushil Kukreja) को 10 लाख रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया था. नियति का खेल देखिए कि हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सुशील कुकरेजा अब उसी हाई कोर्ट के जज हैं. वकालत के दौरान ही सुशील कुकरेजा ने खूब नाम कमाया और बाद में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज बने. फिर उन्हें पदोन्नत कर डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज बनाया गया. अब वे हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने हैं. इस तरह छात्र जीवन में डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले सुशील कुकरेजा परिस्थितियां बदलने पर न्यायमूर्ति के पद पर पहुंचे. मंगलवार को राजभवन में प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने वीरेंद्र सिंह व सुशील कुकरेजा को हाई कोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई.
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