हिमाचल प्रदेश

अब उद्योग होंगे अमोनिया रहित, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देगा ट्रेंनिंग

Renuka Sahu
4 July 2022 5:48 AM GMT
Now industries will be ammonia free, pollution control board will give training
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फाइल फोटो 

यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ रही है। हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के उद्योगों से निकलने वाला अमोनिया यमुना में गिर रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ रही है। हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के उद्योगों से निकलने वाला अमोनिया यमुना में गिर रहा है। इसे यमुना में प्रदूषण का कारण माना जा रहा है। यमुना को अमोनिया रहित बनाने के लिए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उद्यमियों को दो दिन ट्रेनिंग देगा।

बुधवार और बृहस्पतिवार को ऑनलाइन ट्रेनिंग होगी, जिसमें डायर्स और टेक्सटाइल उद्यमी भाग लेंगे। ट्रेनिंग में उद्यमियों को बताया जाएगा कि किन केमिकल का इस्तेमाल करें और किनसे परहेज। अमोनिया के दुष्प्रभाव के बारे में अलग प्रशिक्षण सत्र होगा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसी माह उद्यमियों को एक मास्टर प्लान भी देगा, उसी के अनुसार उद्यमियों को आगे काम करना होगा।
दिल्ली में हर वर्ष जनवरी और दिसंबर के दौरान यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। इसका आरोप हरियाणा के चार जिलों पर लगता है। उद्योग सील भी कर दिए जाते हैं। इस बार इस स्थिति से बचने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही कदम उठा रहा है। यमुना किनारे बसे जिलों के उद्योगों की लिस्ट तैयार की जा रही है।
टैंकर से यमुना में छोड़ते हैं पानी
बापौली क्षेत्र के कुछ डायर्स एवं कंबल उद्यमी केमिकल युक्त पानी को टैंकर में भरकर यमुना में छोड़ते हैं। इस गैर कानूनी कार्य को सुबह एवं देर शाम किया जाता है। कई क्षेत्रों में ड्रेन में भी छोड़ा जाता है। ड्रेन यमुना में मिलती है इसलिए यमुना सीधे तौर पर मैली होती है।
यमुना किनारे के उद्योगों से लिए जाएंगे सैंपल
यमुना के किनारे स्थापित उद्योगों से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सैंपल लेगा। वहां पानी में अमोनिया की मात्रा मिली तो कार्रवाई होगी। इससे पहले भी बोर्ड जनवरी में उद्योगों के सैंपल ले चुका है। इसके अलावा जहां भी यमुना में उद्योगों का पानी गिरता हैं, वहां जांच की जाएगी।
यमुना के प्रदूषित होने के प्वाइंट
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक हरियाणा में डीडी-1 और डीडी-2 नहरें हैं। इन नहरों से दूषित पानी यमुना में पहुंचता है। डीडी-2 नहर को उद्योगों से निकलने वाली डाई की मात्रा अधिक होने की वजह से डाई ड्रेन भी कहा जाता है। जिसमें अमोनिया की अधिक मात्रा मौजूद होता है। नहरें पानीपत के गांव शिमला गुजरन के पास एक-दूसरे से मिलती हैं। शिमला गुजरन से नहरें गांव खोजकीपुर गांव के पास यमुना में मिल जाती हैं।
उद्यमियों से अपील, संभलकर करें केमिकल का प्रयोग
उद्यमियों से अपील है कि केमिकल का प्रयोग संभलकर करें। अमोनिया युक्त केमिकल का प्रयोग नहीं करें। इसके लिए ट्रेनिंग ली जा सकती है। यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से लोग बीमार होते हैं। - भीम राणा, प्रधान डायर्स एसोसिएशन
ट्रेनिंग में बताएंगे, कैसे अमोनिया से बचें
उद्यमियों को बुधवार और बृहस्पतिवार को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि किन केमिकल का प्रयोग होना चाहिए और किनका नहीं। एक मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। उसी के अनुसार कार्य होंगे।
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