हिमाचल प्रदेश

अब कसोल में टैक्स काटेगा फास्टैग, टूरिज्म डिवेलपमेंट काउंसिल मनाली की तर्ज पर तैयारियों में जुटा प्रशासन

Renuka Sahu
25 Feb 2022 4:26 AM GMT
अब कसोल में टैक्स काटेगा फास्टैग, टूरिज्म डिवेलपमेंट काउंसिल मनाली की तर्ज पर तैयारियों में जुटा प्रशासन
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फाइल फोटो 

विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कसोल-मणिकर्ण जहां देश-विदेश के सैलानियों की पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शुमार है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) कसोल-मणिकर्ण जहां देश-विदेश के सैलानियों की पसंदीदा पर्यटन स्थलों में शुमार है। वहीं, अब यहां स्थापित साडा टैक्स बैरियर फास्टैग से लैस होगा। इसके लिए वशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) ने योजना तैयार कर दी है। पहली बार कसोल में फास्टैग सिस्टम लागू होगा। कसोल-मणिकर्ण साडा में आने के बाद जहां टैक्स बैरियर से जुड़ा है। अब इस बैरियर को अत्याधुनिक तरीक से फास्टैग से जोड़ा जाएगा। टूरिज्म डिवेलपमेंट काउंसिल मनाली की तर्ज पर कसोल टैक्स बैरियर को चलाने की योजना है। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। हाल ही में जहां देश-दुनिया में विख्यात राष्ट्रीय उच्च मार्ग मनाली के रांगड़ी में स्थापित ग्रीन टैक्स बैरियर फास्टैग सुविधा से जुडऩे वाला देश का पहला ग्रीन टैक्स बैरियर बना गया है। वहीं, मणिकर्ण के साडा टैक्स बैरियर में भी फास्टैग सुविधा शुरू होगी।

प्रशासन ने प्लान तैयार किया है। प्लान को धरातल पर उतारने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पर्यटन एवं धार्मिक स्थल मणिकर्ण-कसोल पर्यटन स्थलों को प्रदेश के बाहर से आने वाली गाडिय़ों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए कसोल टैक्स बैरियर पर ऑनलाइन फास्टैग की सुविधा प्रदान होगी। इससे पर्यटन नगरी मणिकर्ण में स्थापित टैक्स बैरियर पर लंबे जाम से राहत मिलेगी। वहीं, टैक्स बैरियर पर फास्टैग सुविधा से दक्षता व पारदॢशता आएगी। मणिकर्ण-कसोल कितने वाहन हर दिन आते हैं और जाते हैं इसका भी फटाफट पता लग सकेगा। उपायुक्त एवं अध्यक्ष साडा आशुतोष गर्ग ने कहा कि कसोल टैक्स बैरियर को फास्टैग से जोड़ेंगे। इससे यातायात जाम की समस्या से निजात मिलेगी। जिस तरह से मनाली में हाल ही में ग्रीन टैक्स बैरियर को टूरिज्म डिवेलपमेंट काउंसिल ने जिस तरह से फास्टैग सुविधा से अपग्रेड किया है, उसी तर्ज पर पर्यटन स्थल एवं साडा कसोल के टैक्स बैरियर को भी फास्टैग से लैस किया जाएगा। वहीं यहां के देवदार के हरे-भरे पेड़-पौधे यहां की सुंदरता बनाए हैं। वहीं, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) ने भी इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को चार चांद लगाने का योजना तैयार की है। कसोल-मणिकर्ण को नए लुक में लाया जाएगा, जिससे पर्यटक आकर्षित होंगे।
साडा बैरियर से लाखों की आय अर्जित
मणिकर्ण-कसोल साडा बैरियर से कुछ ही महीनों में लगभग 67 लाख रुपए की आमद हुई है, जबकि 12.34 लाख रुपए खर्च हुए हैं। क्षेत्र में पर्यटन सर्किट विकसित करने का आकलन भेजा गया है। मणिकर्ण-कसोल साडा क्षेत्र की पिछले मात्र आठ महीनों में 55 726 रुपए की आय हुई है, जिसमें से 9.86 लाख रुपए व्यय किए गए हैं।
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