हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में भी होगी अब हर वायरस के डीएनए की जांच

Renuka Sahu
3 Jun 2022 5:38 AM GMT
Now DNA of every virus will be tested in Himachal too
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फाइल फोटो 

हिमाचल प्रदेश में भी अब हर वायरस के डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अमलया राइबोज न्यूक्लिक अमल की जांच होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में भी अब हर वायरस के डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अमल (डीएनए) या राइबोज न्यूक्लिक अमल (आरएनए) की जांच होगी। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोरोना समेत अन्य वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब स्थापित हो गई है। मानकों के अनुरूप करीब डेढ़ करोड़ से बनी इस लैब को स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ टीम की हरी झंडी मिल चुकी है। करीब एक सप्ताह के भीतर यह लैब काम करना शुरू कर देगी।

इस लैब के संचालित होने के बाद वायरस के विभिन्न रूपों का पता लगाया जा सकेगा, जो भविष्य में पनप सकते हैं। इससे पहले हिमाचल प्रदेश से सैंपल दिल्ली की एनसीडीसी लैब में भेजे जाते थे और रिपोर्ट के लिए 20 दिन इंतजार करना पड़ता था। इतने लंबे समय में खतरनाक वायरस के और बढ़ने की आशंका बनी रहती थी। हिमाचल प्रदेश में लैब स्थापित होने से किसी भी वायरस की डीएनए और आरएनए रिपोर्ट एक या दो दिन बाद मिल सकेगी।
चिकित्सकों और स्टाफ को दिल्ली के प्रशिक्षक दे रहे प्रशिक्षण
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. भवानी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब स्थापित हो चुकी है। यह प्रदेश में पहली लैब होगी। इस लैब को चलाने के लिए चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को दिल्ली के प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस लैब को एक सप्ताह के भीतर शुरू करने की योजना है।
इलाज जल्द मिलने में रहती है सुविधा
जीनोम सीक्वेंसिंग में किसी भी वायरस के डीएनए या आरएनए की जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि वायरस कैसे हमला करता है और यह कितना प्रभावशाली है। इससे इलाज जल्द मिलने में सुविधा रहती है। लैब में किसी भी प्रकार के वायरस के वैरिएंट का पता लगाया जा सकेगा। जिस प्रकार कोरोना काल में ओमिक्रोन व अन्य वैरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जाते थे, अब वायरस के ऐसे रूपों का पता इस लैब से ही लग सकेगा।
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