हिमाचल प्रदेश

मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी पर हाईकोर्ट का मुख्य सचिव को नोटिस, नाचन में घने वन से काट दिए हजारों पेड़

Gulabi Jagat
1 Aug 2022 3:29 PM GMT
मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी पर हाईकोर्ट का मुख्य सचिव को नोटिस, नाचन में घने वन से काट दिए हजारों पेड़
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मुख्य न्यायाधीश
शिमला: जिला मंडी में नाचन फॉरेस्ट एरिया में सड़क निर्माण के लिए हजारों पेड़ काट (trees cut down in Nachan) दिए गए. चैल चौक निवासी राजू ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखी चिट्ठी में अदालत ने डीएफओ नाचन के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई. हाईकोर्ट ने चिट्ठी को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सहित वन संरक्षक मंडी और डीएफओ नाचन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.हाईकोर्ट के (Himachal High Court) मुख्य न्यायाधीश अमजद सईद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मंडी जिला के चैल चौक निवासी राजू द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पांच साल से (trees cut down in Nachan)अधिक समय से इस पद पर तैनात डीएफओ नाचन के इशारे पर वन प्रभाग नाचन के कई वन क्षेत्रों में हजारों हरे पेड़ काट दिए गए हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत बिना मंजूरी के बेहद घने जंगल से पेड़ों को काटकर अवैध रूप से सड़कों का निर्माण किया गया है.डीएफओ पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उसने विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों को धमकाकर कई सड़कों के निर्माण की अनुमति दी. सरकार को कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि राजनेताओं को खुश करने के लिए वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना जेसीबी के साथ बधेर सड़क का निर्माण किया गया है. शिकारी देवी-देहर रोड के लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में अभयारण्य क्षेत्र होने के बावजूद वन क्षेत्र नष्ट हो गया है. डीएफओ के इशारे पर चैल चौक पर विश्राम गृह से करीब 100 मीटर की दूरी पर करीब 500 हरे पेड़ों को नष्ट कर मैदान बनाया गया है.याचिकाकर्ता ने डीएफओ नाचन के खिलाफ जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. वन प्रभाग नाचन के पूरे क्षेत्र में एफसीए की मंजूरी के बिना पिछले चार साल में सड़कों के निर्माण के संबंध में जांच के आदेश देने की प्रार्थना भी की है. प्रार्थी ने इस तरह की तबाही रोकने और जंगल, पर्यावरण और सरकारी धन बचाने के लिए डीएफओ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की भी मांग की है. मामले को तीन हफ्ते के बाद लिस्ट किया जाएगा.
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