हिमाचल प्रदेश

'जंगल' में फंसे एनएच के नौ पैकेज, शिमला-हमीरपुर बाइपास, शिमला-मटौर के चार, मंडी-पठानकोट के तीन पैकेज प्रभावित

Gulabi Jagat
31 Dec 2022 7:22 AM GMT
जंगल में फंसे एनएच के नौ पैकेज, शिमला-हमीरपुर बाइपास, शिमला-मटौर के चार, मंडी-पठानकोट के तीन पैकेज प्रभावित
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फोरेस्ट क्लीयरेंस में एनएच के नौ पैकेज फंस गए हैं। एनएचएआई ने इन सभी हाई-वे से जुड़ी फाइलें वन और पर्यावरण विभाग को प्रस्तावित कर दी हैं, लेकिन इन पर फैसला नहीं हो पाया है। इसका असर फोरलेन पर पड़ रहा है। इनमें कालका-शिमला एनएच पर शिमला बाइपास में कैंथलीघाट से ढली का पैकेज शामिल है, जबकि अन्य में हमीरपुर बाइपास, शिमला-मटौर एनएच के चार पैकेज और मंडी-पठानकोट एनएच के तीन पैकेज सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। दरअसल, जिन एनएच को फोरलेन में बदला जाना है, उनकी फोरेस्ट क्लीयरेंस और भू-अधिग्रहण से जुड़ी फाइलें अलग-अलग विभागों के पास जमा हैं। एनएचएआई साल की शुरुआत में इन सभी प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी में हैं।
एनएचएआई को सबसे बड़ी राहत सर्वाेच्च न्यायालय से जरूर मिली है। हिमाचल में फोरेस्ट क्लीयरेंस की पहली अनुमति मिलने के बाद अब फाइल को सर्वाेच्च न्यायालय भेजने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस बीच जो फाइलें वन, पर्यावरण और राजस्व विभाग में फंसी हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 3300 किलोमीटर लंबे एनएच हैं। इनमें से 30 फीसदी हाई-वे एनएचएआई के पास हैं। करीब 750 किलोमीटर में से मुख्यतौर पर चार एनएच पर काम फंस रहा है। मुख्यमंत्री भी इस बारे में बैठक ले चुके हैं और एनएच के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश पहली ही बैठक में एनएचएआई के अधिकारियों को दिए गए हैं। अधिकारियों ने भी फोरेस्ट क्लीयरेंस में हो रही देरी और राजस्व के मामलों को निपटाने में तेजी लाने की बात कही है।
आर्थिक हालात सुधारने में मददगार बने एनएच
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि एनएच के प्रोजेक्ट में तेजी से प्रदेश के आर्थिक हालात भी बदलते हैं। जिन क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण किया जाता है उसके एवज में तय राशि का भुगतान होता है। ऐसे में संबंधित व्यक्ति यह राशि भवन निर्माण समेत अन्य कार्यों पर खर्च करता है,इससे प्रदेश की आर्थिकी में योगदान का अंश भी जाता है। फोरेस्ट क्लीयरेंस की फाइलें वन और पर्यावरण विभाग के पास पहुंच चुकी हैं। मंजूरी के बाद काम शुरू हो जाएगा।
जनवरी में दोबारा होगी बैठक
मुख्यमंत्री ने एनएचएआई को दोबारा बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक जनवरी में होगी। एनएचएआई को भरोसा है कि इस बैठक से पहले-पहले सभी विभाग एनएच से जुड़े कार्यों को एनओसी दे देंगे। इसके बाद अगली बैठक में इन कार्यों को शुरू किया जा सकेगा। एनएचएआई की पहली बैठक समीक्षा के तौर पर आयोजित हुई थी और इस बैठक में प्रदेश भर में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी जुटाई गई है। किन क्षेत्रों में कार्य फंसे हैं या देरी होने की संभावना है यह रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है।
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