हिमाचल प्रदेश

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने दवाओं की कीमतों में किया संशोधन, 19 दवाइयों के रेट चेंज

Renuka Sahu
26 Feb 2022 4:47 AM GMT
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने दवाओं की कीमतों में किया संशोधन, 19 दवाइयों के रेट चेंज
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फाइल फोटो 

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 19 आवश्यक दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 19 आवश्यक दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है। जिन दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं, उनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, बुखार, विटामिन, तनाव, दर्द निवारक, हृदय रोगों के उपचार व संक्रमण के उपचार की दवाओं सहित अन्य दवाएं शामिल हैं। दवा नियामक ने कीमतों में यह संशोधन औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश-2013 के तहत किया है। एनपीपीए द्वारा उपनिदेशक पी दास के हवाले से जारी अधिसूचना में 19 अनुसूचित दवाओं की कीमतों में फेरबदल किया गया हैं। इनमें से कुछ दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं, जबकि कुछ की कीमतों में कटौती की गई है। बतातें चलें कि एनपीपीए औषधि आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत अनुसूची एक में शामिल आवश्यक दवाओं का अधिकतम मूल्य तय करता है, जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के तहत नहीं आती हैं, उसके निर्माताओं को सालाना 10 फीसदी खुदरा मूल्य बढ़ाने की अनुमति है।

एनपीपीए द्वारा मेडिफोर्स हैल्थ केयर व मैनकाइंड द्वारा निर्मित पैरासिटामोल+ फैनिलेफ्राइन+ कैफीन+ डीफेनहाइड्रामाइन की कीमत प्रति टेबलेट 3.21 रुपए, एरिस लाइफ साइंसेज की दवा गिल्कलाजाइड एक्सटेंडेट रिलीज +मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड की प्रति टेबलेट कीमत 8.54 रुपए तय की गई। इसके अलावा क्लोर्थालिडोन+ टेल्मिसर्टन +अलोडिपाइन टेबलेट 8.92 रुपए, मेसर्स विंडलास बायोटेक प्रा. लिमिटेड और यूएसवी प्रा लिमिटेड की टेल्मिसर्टन + सिल्निडिपिन प्रमि टेबलेट 9.66 रुपए, ग्लिक्लाज़ाइड +मेटफोर्मिन हाइड्रोक्लोराइड प्रति टेबलेट कीमत कीमत 8.54 रुपए तय की गई है। उल्लेखनीय है कि नियामक ने जिन औषधियों के खुदरा मूल्य तय किए हैं या कीमतों में संशोधन किया है, उनका विनिर्माण एवं विपणन नामी कंपनियां प्रमुख तौर पर कर रही है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जहां प्रत्येक फुटकर विक्रेता को कीमत सूची अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए परिसर में उचित स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी, वहीं विनिर्माता को भी हिदायत दी गई है कि वे तय की गई कीमत से ज्यादा नहीं वसूल सकते।
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