हिमाचल प्रदेश

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने किया फेरबदल, 45 दवाओं की कीमतें नए सिरे से की तय

Renuka Sahu
26 Aug 2022 4:57 AM GMT
National Pharmaceutical Pricing Authority reshuffled the prices of 45 drugs afresh
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फाइल फोटो 

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने जीवन रक्षक दवाओं सहित 45 दवाओं की कीमतें नए सिरे से तय की हैं। ज

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने जीवन रक्षक दवाओं सहित 45 दवाओं की कीमतें नए सिरे से तय की हैं। जिन दवाओं की कीमतों में संशोधन किया गया है, उनमें उच्च रक्तचाप, सामान्य सर्दी, संक्रमण, एसिडिटी और आंखों की बीमारियों के इलाज की दवाएं प्रमुख तौर पर शामिल हैं। दवा नियामक ने कीमतों में यह संशोधन औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश-2013 के तहत किया है। एनपीपीए द्वारा उपनिदेशक पी दास के हवाले से जारी अधिसूचना में 45 अनुसूचित दवाओं की कीमतों में फेरबदल किया गया हैं। इनमें से कुछ दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं, जबकि कुछ की कीमतों में कटौती की गई है। एनपीपीए की ओर से 24 अगस्त को जारी अधिसूचना के मुताबिक दवाओं के दाम औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश-2013 के तहत तय किए गए हैं। इसने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माता उत्पादों पर जीएसटी तभी जोड़ सकते हैं जब उन्होंने वास्तव में इसके लिए भुगतान किया हो।

अधिसूचना के मुताबिक एनपीपीए ने 45 दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है, उनमें उच्च रक्तचाप, सामान्य सर्दी, संक्रमण, एसिडिटी और आंखों की बीमारियों के इलाज की दवाएं प्रमुख तौर पर शामिल की गई हैं। इसके अलावा उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर के उपचार में उपयोगी कुछ दवाओं के लिए भी मूल्य सीमा तय की गई है। एलर्जी और सामान्य सर्दी के उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले दवा संयोजन पेरासिटामोल, फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड, कैफीन और डिपेनहाइड्रामाइन हाइड्रोक्लोराइड गोलियों का खुदरा मूल्य 3.73 रुपए निर्धारित किया गया है। एक अन्य संयोजन एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट का खुदरा मूल्य 168.43 रूपए तय किया गया है। इसी तरह, मधुमेह के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सीताग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड (निरंतर रिलीज) टैबलेट सहित फॉर्मूलेशन दवाओं की कीमत 18.67 रुपए से अधिक कीमत पर नहीं बेचा जा सकता है।
बतातें चलें कि एनपीपीए औषधि आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत अनुसूची एक में शामिल आवश्यक दवाओं का अधिकतम मूल्य तय करता है, जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के तहत नहीं आती हैं, उसके निर्माताओं को सालाना दस फीसदी खुदरा मूल्य बढ़ाने की अनुमति है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जहां प्रत्येक फुटकर विक्रेता को कीमत सूची अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए परिसर में उचित स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी, वहीं विनिर्माता को भी हिदायत दी गई है कि वे तय की गई कीमत से ज्यादा नहीं वसूल सकते। (एचडीएम)
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