हिमाचल प्रदेश

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने तय की अधिकतम और खुदरा सीमा, 74 दवाओं की कीमतों में संशोधन

Gulabi Jagat
4 Feb 2023 9:29 AM GMT
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने तय की अधिकतम और खुदरा सीमा, 74 दवाओं की कीमतों में संशोधन
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बीबीएन
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने 74 दवाओं की कीमतों में संशोधन किया है। इनमें 56 दवाओं की अधिकतम कीमतेंं व 18 दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई है। जिन दवाओं की कीमत में संशोधन किया गया है, उनमें एलर्जी, हृदय रोग, अल्सर, माइग्रेन, सर्दी, जुकाम, बुखार, एंटीबायोटिक दवाओं सहित फंगल इन्फेक्शन, कैंसर के उपचार की दवाएं व इंजेक्शन शामिल है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। दवा नियामक ने कीमतों में यह संशोधन औषधि (कीमत नियंत्रण) आदेश-2013 के तहत किया है। एनपीपीए द्वारा उपनिदेशक महावीर सैणी के हवाले से जारी अधिसूचना में 74 अनुसूचित दवाओं की कीमतों में संशोधन किया गया हैं। इनमें से कुछ दवाओं की खुदरा कीमतें तय की गई हैं, जबकि कुछ की अधिकतम कीमतें तय की गई हैं। बता दें कि एनपीपीए औषधि आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत अनुसूची एक में शामिल आवश्यक दवाओं का अधिकतम मूल्य तय करता है।
जो दवाएं मूल्य नियंत्रण के तहत नहीं आती हैं, उसके निर्माताओं को सालाना दस फीसदी खुदरा मूल्य बढ़ाने की अनुमति है। एनपीपीए ने शुक्रवार को जारी अधिसूचना में 74 दवाओं की कीमतों में संशोधन, खुदरा व अधिकतम सीमा तय की गई है। इनमें प्रमुख तौर पर कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन डॉक्सोरूबिसिन हाइड्रोक्लोराइड लाइपोसोम की अधिकतम कीमत 452.45 रुपए तय की गई है। इसके अलावा ल्यूकेमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 100 एमजी के इंजेक्शन साइटोसिन अरेबिनोसाइड की कीमत 124. 49 रुपए व 500 एमजी की 478.32 रुपए होगी, जबकि रितुक्सिमैब की के 10 एमजी की कीमत 679.41 होगी। राष्ट्रीय औषधि मूल्य-निर्धारण प्राधिकरण अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि दवा बनाने वाली कंपनियां सरकार की ओर से तय की गई इसी कीमत पर अपनी दवाओं को बेचेंगी। हालांकि, इन सभी दवाओं के ये दाम बिना जीएसटी दरों के हैं। गौरतलब है कि साल 1997 में स्थापित राष्ट्रीय औषधि मूल्य-निर्धारण प्राधिकरण यानी एनपीपीएऔषधि उत्पादों की कीमतें निर्धारित और संशोधित करने के साथ ही डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने व नियंत्रित दवाओं की कीमतों पर नजर रखने का काम भी करता है। (एचडीएम)
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