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हिमाचल प्रदेश
नगर पालिका परिषद बिलासपुर 150 संविदा से अधिक, आउटसोर्सिंग कर्मियों की भविष्य निधि में घोटाला
Shantanu Roy
2 Nov 2022 9:52 AM GMT

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बड़ी खबर
बिलासपुर। नगर पालिका के संविदा/आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों ने भविष्य को सुरक्षित करने, बच्चों की पढ़ाई, घर बनाने व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए वेतन से ईपीएफ कटवाया था। पालिका ने कर्मचारियों से वेतन से काटी गई 67.75 लाख रुपये की धनराशि को उनके ईपीएफ खातों में जमा ही नहीं की गई अथवा अन्य कार्यों में खर्च कर दिया। कर्मचारियों के वेतन से काटी गई धनराशि उनकी अपनी है, उसे किसी अन्य कार्य अथवा मद में खर्च नहीं किया जा सकता है। इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ ईपीएफ अधिनियम 7(A) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
बिलासपुर नगर पालिका परिषद में 150 से अधिक संविदा/आऊटसोर्सिंग कर्मचारी हैं। कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के तहत बचत के रूप में संविदा कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की कटौती की जाती है। लेकिन यह राशि आऊटसोर्सिंग कंपनी ने जमा ही नहीं की नियम के तहत 1800 रुपये (12 फीसदी) कर्मचारी के वेतन से और 13 फीसदी यानि 1950 रुपये नगर पालिका को अपनी ओर से जमा करने होते हैं। यानि प्रत्येक माह संविदा कर्मचारी के ईपीएफ खाते में 3750 रुपये जमा होने चाहिए। नगर पालिका परिषद बिलासपुर जून 2020 से संविदा कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की कटौती कर रही है।
एक लम्बा समय बीत गया लेकिन पालिका ने कर्मचारियों के खाते में काटी गई ईपीएफ की धनराशि को उनके खातों में जमा नहीं की है। इस मामले में पालिका कर्मचारी कई बार शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस घोटाले में आऊटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारी,चेयरमैन,पूर्व अधिशासी अधिकारी व कुछ स्थाई कर्मी शामिल है। इसके अलावा नगर पालिका परिषद बिलासपुर में संविदा आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन आहरित हो रहा है धरातल पर उनमें मात्र 60 प्रतिशत ही सफाई कर्मी व अन्य कार्य कर रहे बाकी केवल वेतन लेने आते हैं ओर उसका कुछ हिस्सा नगर पालिका परिषद के स्थाई कर्मी,चेयरमैन व आऊटसोर्सिंग कंपनी को दे जाते हैं।
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