हिमाचल प्रदेश

नगर निगम ने लोअर बाजार से हटाया अतिक्रमण

Admin Delhi 1
4 May 2023 7:51 AM GMT
नगर निगम ने लोअर बाजार से हटाया अतिक्रमण
x

शिमला न्यूज़: लोअर बाजार शिमला के मुख्य मार्ग पर तहबाजारी व स्थानीय दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण के मामले में राज्य उच्च न्यायालय ने व्यापार मंडल शिमला एंड तहबाजारी एसोसिएशन को प्रतिवादी बनाया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने लोअर बाजार से अतिक्रमण व ओवरहैंगिंग को हटाने के संबंध में नगर निगम को आदेश जारी किया है. न्यायालय के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए शिमला नगर निगम को लोअर बाजार से अतिक्रमण व ओवरहैंगिंग हटाने में आवश्यक सहयोग देने के लिए पुलिस अधीक्षक शिमला को आदेश जारी किए गए हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि शिमला नगर निगम में दिहाड़ी मजदूरों के 47 पद खाली पड़े हैं. कोर्ट ने कहा कि यह बहुत चिंता का विषय है। अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को मामले की जांच करने और अगली तारीख तक अदालत के समक्ष अपना हलफनामा दाखिल करने का आदेश जारी किया। राज्य उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम को अदालत के आदेशों का पालन करने के लिए कर्मचारियों को दिहाड़ी मजदूरों के रूप में तैनात करने की छूट दी है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिमला शहर में अतिक्रमण रोकने के लिए उपयुक्त जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश जारी किए थे.

कोर्ट ने नगर निगम शिमला से पूछा था कि अब तक शिमला शहर की सभी सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले कितने दुकानदारों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निगम से उम्मीद जताई थी कि संशोधित नियमों के तहत अतिक्रमणकारियों को दंडित किया जाएगा। कोर्ट ने निगम से पूछा था कि शिमला शहर से अतिक्रमण हटाने के लिए कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन में क्या कदम उठाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि घायल महिला को लोअर बाजार से आईजीएमसी ले जा रही 108 एंबुलेंस मुख्य बाजार मार्ग पर अतिक्रमण के चलते फंस गई. सड़क पर दुकानों के अतिक्रमण के कारण करीब 20 मिनट तक एंबुलेंस फंसी रही। साल 2014 में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पूरे शिमला में किसी भी दुकानदार को नालों के किनारे सामान नहीं लगाने दिया जाएगा. दुकान के आगे तिरपाल भी नहीं लगाने दिया जाएगा। नगर निगम अधिनियम की धारा 227 में दिए गए प्रावधानों के तहत अतिक्रमणकारियों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं। मामले की सुनवाई 10 मई को होगी.

Next Story