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हिमाचल प्रदेश
चमत्कार या कुछ और, बाथू की लड़ी में आस्था के आगे सभी नतमस्तक
Gulabi Jagat
22 Aug 2022 3:23 PM GMT
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जवाली। पौंग झील में पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान स्वर्ग को जाने के लिए निर्मित की गई ऐतिहासिक बाथू की लड़ी की भीम शिला के पास करडियाल निवासी अविनाश कुमार को तैरता हुआ पत्थर मिला है, जो कि लोगों में आस्था का प्रतीक बन गया है। तैरने वाले पत्थर को टब में डाला गया है तथा इसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। अविनाश कुमार ने बताया कि वह पौंग झील के पानी को देखने गया था, तो उसे पानी के बीच तैरता हुआ पत्थर मिला और घर ले आया।
धार्मिक प्रवृत्ति के लोग इस पत्थर को रामसेतु निर्माण में प्रयुक्त हुआ मान रहे हैं। रामायण कथा में बताया गया है कि जब माता-सीता को लंकेश रावण हरण कर लंका में ले गए थे, तो उस समय रास्ते में पडऩे वाले समुद्र पर पुल बनाने के लिए राम अंकित पत्थरों को डाला गया था, जो कि पानी के ऊपर तैरते रहे।
इस पत्थर को भी उसी आस्था के साथ जोड़ा जा रहा है। हालांकि यह कोई पहला पत्थर नहीं है, जो कि तैरता हुआ मिला है। इससे पहले भी दो साल पहले तीन-चार तैरने वाले पत्थर मिले थे, जिनको लोगों ने अपने घरों में रखा हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि झील में पानी की लहरों के कारण किनारों पर झाग इक_ा होता रहता है, जो कि पत्थर बन जाता है, लेकिन झागनुमा होने के कारण यह तैरता रहता है।
Gulabi Jagat
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