हिमाचल प्रदेश

मानकों पर खरा नहीं उतरी प्रदेश में निर्मित दवाएं, 21 सैंपल फेल

Renuka Sahu
18 Oct 2022 2:08 AM GMT
Medicines manufactured in the state did not meet the standards, 21 samples failed
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल के 16 दवा उद्योगों में निर्मित 21 तरह की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की पड़ताल में सब-स्टेंडर्ड पाई गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल के 16 दवा उद्योगों में निर्मित 21 तरह की दवाएं केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की पड़ताल में सब-स्टेंडर्ड पाई गई है। इनमें गैस्ट्रिक, एलर्जी, बैकटीरियल इन्फेक्शन, बुखार, डायबिटीज, पेट दर्द, मांसपेशियों की जकडऩ व कोलस्ट्रोल के उपचार की दवाएं शामिल है। इसके अलावा बेहोशी के इंजेक्शन भी जांच में खरे नहीं उतरे है। इन दवाओं का र्निमाण पावंटा साहिब, नालागढ़, बद्दी, सोलन व ग्वालथाई स्थित दवा उद्योगों में हुआ है। इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान, आंध्रा प्रदेश, पजंाब, गुजरात, उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, हैदराबाद, चैन्नई, पंजाब व तमिलनाडु में निर्मित 38 दवाएं भी गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई है। राज्य दवा नियंत्रक ने संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा सहायक दवा नियंत्रक व दवा निरीक्षकों को संबंधित उद्योगों का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है।

सिंतबर में केंंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 1456 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 59 दवाएं सब-स्टेंडर्ड पाई गई, जबकि 1397 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही निकली है। इनमें हिमाचल के 16 दवा उद्योंगों में निमिर्त 21 दवाएं भी शामिल है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने पुष्टि करते हुए बताया कि सितंबर माह के ड्रग अर्लट में शामिल दवा कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए उन्हें सब-स्टेंडर्ड दवा का पुरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए है।

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