हिमाचल प्रदेश

राज्यसभा की सदस्यता के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत कई ने पेश की दावेदारी

Renuka Sahu
9 March 2022 4:15 AM GMT
राज्यसभा की सदस्यता के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत कई ने पेश की दावेदारी
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फाइल फोटो 

राज्यसभा की सदस्यता के लिए भाजपा के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप और अर्की के पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा ने भी दावेदारी पेश की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्यसभा की सदस्यता के लिए भाजपा के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप और अर्की के पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा ने भी दावेदारी पेश की है। शिमला के पूर्व भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप सीएम जयराम ठाकुर, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप और संगठन महामंत्री पवन राणा के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं। अर्की के पूर्व भाजपा विधायक गोविंद राम शर्मा भी अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं। उनका दो बार टिकट कट चुका है। पहली बार उनका सिटिंग विधायक रहते टिकट कटा था।

गौर हो कि राज्यसभा सांसद के रूप में आनंद शर्मा का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है। चुनाव की तिथि भी घोषित हो चुकी है। 14 मार्च को राज्यसभा की हिमाचल प्रदेश में रिक्त हो रही एक सीट के लिए अधिसूचना जारी होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 मार्च, नामांकन पत्रों की संवीक्षा की तिथि 22 मार्च, नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 मार्च और मतदान की तिथि 31 मार्च होगी। इस पद के लिए भाजपा में कई ख्वाहिशमंद हो गए हैं। इनमें पूर्व में प्रदेश भाजपा में संगठन मंत्री रह चुके महेंद्र पांडे भी प्रमुख हैं।
हालांकि पांडे मूल रूप से उत्तराखंड से हैं। ऐसे में भाजपा का एक वर्ग प्रादेशिक नेताओं को तरजीह देने के पक्ष में है। वीरेंद्र कश्यप और गोविंद राम शर्मा दोनों का तर्क है कि उन दोनों के सिटिंग सांसद और सिटिंग विधायक रहते टिकट काटे गए थे। वीरेंद्र कश्यप का सांसद रहते हुए लोक सभा चुनाव में टिकट काटकर सुरेश कश्यप को दिया गया था। इसी तरह गोविंद राम शर्मा का भी टिकट काटकर दो बार रत्न पाल सिंह को दिया गया। दोनों की ओर से यह भी तर्क दिया जा रहा है कि इसके बावजूद उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है। हालांकि, दोनों नेता अभी सार्वजनिक बयान देने से कतरा रहे हैं।
अजय जम्वाल, अजय राणा और महेश्वर सिंह का नाम भी चर्चा में
राज्य सभा के लिए भाजपा नेताओं में अजय जम्वाल, अजय राणा और महेश्वर सिंह का नाम भी चर्चा में है। चर्चा तो यह भी है कि प्रदेश के दो मंत्रियों में से एक को नई दिल्ली भेजा जा सकता है। राज्य सभा की इस नियुक्ति के बाद ऐसे में कैबिनेट में फेरबदल के कयास भी लग रहे हैं।
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