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मंडी: पांचवीं कक्षा के सलेब्स में साहित्यकार पवन चौहान की कविता हुई शामिल
हिमाचल प्रदेश: जिला के सुंदरनगर निवासी युवा साहित्यकार पवन चौहान कविता सयानी नानी उत्तर भारत के विद्यार्थी पांचवी कक्षा के अंतर्गत अपनी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक संपूर्ण हिन्दी समर्थ में 2022-23 सत्र से पढऩे जा रहे हैं। यह कविता हिंदी के ट्रैक-1 के लिए लीड की पाठ्यक्रम समिति ने चयनित की है। यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मानकों के तहत तैयार की गई है जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास की बात हुई है। पुस्तक के इस भाग-1 में सुपरिचित साहित्यकारों द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी, भगवती प्रसाद द्विवेदी, भीष्म साहनी, मंजरी शुक्ला जी की रचनाओं के साथ पवन चौहान की कविता को भी स्थान मिला है। इस पुस्तक में कविता, कहानी, लेख, भेंटवार्ता आदि विधाएं बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत की गई हैं। कविता 'सयानी नानी' पुस्तक के आत्मविश्वास इकाई के अंतर्गत शामिल की गई है। कविता में नानी अपने नाती-नातिन के साथ खूब खेलती है, मस्ती करती है और खेल-खेल में ही उन्हें जीवन जीने की समझ भी देती है।
कविता का वीडियो भी बहुत आकर्षक ढंग से पाठ्यक्रम समिति ने तैयार किया है जिससे बच्चे कविता को सहजता व बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और गा भी सकेंगे। लीड भारत का एजुकेशन टेक्नोलॉजी का एक बड़ा मंच है जो शिक्षा के क्षेत्र में पूरे भारत भर में शानदार कार्य कर रहा है। लीड के अपने विद्यालय भी हैं। हिमाचल प्रदेश के कई निजी विद्यालयों में विद्यार्थी लीड के पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पवन चौहान कविता, कहानी, बाल कहानी, फीचर लेखन में बराबर सक्रीय हैं। पवन की रचनाएं देश की पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। हिमाचली बाल साहित्य में इनका कार्य उल्लेखनीय है। इनकी रचनाएं हिमाचल, महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम तथा सी.बी.एसई. संबद्ध स्कूली पाठ्यक्रम के साथ महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, केरल के बी. कॉम. और राष्ट्रसंत तुकाड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के बी.ए. पाठ्यक्रम में भी शामिल हुई हैं। कई रचनाओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं तथा नेपाली में अनुवाद हुआ है।
पवन चौहान शिक्षक हैं और वर्तमान में सीसे स्यांजी में कार्यरत हैं। पवन चौहान की किनारे की चट्टान कविता संग्रह, भोलू भालू सुधर गया बाल कहानी संग्रह, हिमाचल का बाल साहित्य शोध संदर्भ, जड़ों से जुड़ाव धरोहर संरक्षण की पहल, वह बिलकुल चुप थी नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित कहानी की पुस्तक तथा 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां हिमाचल पुस्तकें प्रकाशित हैं।