हिमाचल प्रदेश

मनाली-रोहतांग मार्ग भूस्खलन से 4 घंटे बंद रहा

Shantanu Roy
9 July 2023 9:27 AM GMT
मनाली-रोहतांग मार्ग भूस्खलन से 4 घंटे बंद रहा
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कटराईं। लाहौल में लगातार जारी बारिश से तेलिंग नाले में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के साथ भारी-भरकम मलबा सड़क में आ गया है जिस कारण मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है। मार्ग के अवरुद्ध होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। सूचना मिलते ही बी.आर.ओ. की टीम सिस्सू ट्रांजिट कैंप से घटनास्थल पर पहुंच गई है और सड़क बहाली में जुट गई है। दोपहर 12 बजे नाले में आई बाढ़ से कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ है, लेकिन सड़क अवरुद्ध हो गई है। हालांकि बी.आर.ओ. मौके पर पहुंच गया है, लेकिन पहाड़ी से लगातार पानी के साथ आ रहा मलबा दिक्कत का कारण बना हुआ है। बी.आर.ओ. अधिकारी ने बताया कि लाहौल के तेलिंग नाले में बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है। नाले में लगातार पानी के साथ मलबा आ रहा है जिससे सड़क बहाली में दिक्कत हो रही है।
बी.आर.ओ. सड़क बहाली में जुटा है। जल्द ही सड़क बहाल कर दी जाएगी, वहीं दूसरी ओर रोहतांग मार्ग पर राहनीनाला के पास भूस्खलन होने से मार्ग 4 घंटे अवरुद्ध रहा। सुबह लगभग 8 बजे जब यह हादसा हुआ तो बर्फ के दीदार को रोहतांग जा रहे पर्यटक वाहन मढ़ी पहुंचे थे। इसलिए कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ, लेकिन सड़क बंद होने से दोनों ओर वाहन फंस गए। एस.डी.एम. मनाली ने पर्यटक वाहनों के फंसे होने की सूचना मिलते ही बी.आर.ओ. से संपर्क किया। बी.आर.ओ. की टीम मढ़ी से राहनीनाला पहुंची और सड़क बहाली में जुट गई। बी.आर.ओ. ने दोपहर 12 बजे सड़क को बहाल कर दिया और सभी पर्यटक वाहन रोहतांग जा पहुंचे। पर्यटकों ने रोहतांग में ठंडे मौसम का आनंद उठाया। इस बार भी वीकैंड बरसात की भेंट चढ़ गया जिससे पर्यटकों की आमद नहीं बढ़ी।
शनिवार को लगभग 412 पर्यटक वाहन परमिट प्राप्त कर रोहतांग गए। हालांकि बरसात के चलते समर सीजन की रौनक कम हो गई है, लेकिन बाहरी राज्यों से पर्यटकों का आना जारी है। होटलों में भी ऑक्यूपैंसी 30 से 35 प्रतिशत रह गई है, लेकिन पर्यटकों से रौनक जारी है। वाहन चालक संजू बावा व शिवा ने बताया कि दोपहर के समय मार्ग खुल गया और पर्यटक बर्फ के दीदार को रोहतांग जा पहुंचे। बी.आर.ओ. कमांडर कर्नल शबरिश वाचली ने बताया कि सड़क बहाल कर दी है। एस.डी.एम. मनाली रमन शर्मा ने पर्यटकों व वाहन चालकों से आग्रह किया कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही रोहतांग दर्रे का रुख करें।
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