- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- कोरिया से पहुंचीं...
न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
मोबाइल एप से कोई भी व्यक्ति शराब की बोतल पर लगे बार कोड को स्कैन कर गुणवत्ता को जांच सकेगा। शराब को बनाने के वर्ष, बैच नंबर और कहां उसे बनाया गया है इसकी जानकारी मिल जाएगी।
विधानसभा चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश में शराब की ट्रैक एंड ट्रेसिंग का काम शुरू हो जाएगा। शराब की तस्करी रोकने के लिए यूरोप और कोरिया से उपकरण पहुंच गए हैं। प्रदेश की सभी डिस्टिलरी, बॉटलिंग प्लांट, होलसेल और गोडाउन में ट्रैक एंड ट्रेसिंग के लिए ये उपकरण लगाए जाएंगे। कर एवं आबकारी विभाग का सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार हो चुके हैं। उपकरण लगते ही प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। विभागीय आयुक्त ने शराब के कारोबारियों को एक माह के भीतर नई व्यवस्थाएं करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मोबाइल एप से कोई भी व्यक्ति शराब की बोतल पर लगे बार कोड को स्कैन कर गुणवत्ता को जांच सकेगा। शराब को बनाने के वर्ष, बैच नंबर और कहां उसे बनाया गया है इसकी जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही शराब मिलावटी होने की सूरत में तत्काल एप की ही मदद से शिकायत भी की जा सकेगी।
प्रदेश में स्थित सभी बॉटलिंग प्लांट व डिस्टिलरियों से बाहर आने वाली शराब की ऑनलाइन निगरानी के तंत्र के विकसित होने पर अवैध तरीके शराब से बिक्री के नेटवर्क को तोड़ने में ट्रैक एंड ट्रेसिंग व्यवस्था से आसानी होगी। कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि शराब कारोबारियों को एक माह के भीतर उपकरणों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व मंडी जिले में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद विभाग ने हरकत में आते हुए करीब दो साल से ट्रायल मोड पर चल रहे ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया है। इसकेे लिए शराब कारखानों से लेकर ठेकों तक आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। सभी कारोबारियों ने उपकरणों की खरीद के लिए सप्लाई ऑर्डर भी दे दिए हैं।
राजस्व प्राप्ति में होगी बढ़ोतरी
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू करने से पहले कर एवं आबकारी विभाग सभी शराब कंपनियों, बॉटलिंग प्लांट, थोक विक्रेताओं के परिसरों में कैमरे लगाएगा। कंप्यूटर सिस्टम भी लगाए जाएंगे। शराब की सप्लाई की भी मानीटरिंग की जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने पर शराब कारोबारी बिना बैच नंबर के शराब सप्लाई नहीं कर सकेंगे। हर बोतल का कंप्यूटर सिस्टम पर पंजीकरण होगा। सरकार को मिलने वाले टैक्स की भी सही गणना हो सकेगी। इस प्रक्रिया से सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।