हिमाचल प्रदेश

महामारी बनी हिमाचल में लंपी वायरस, अब तक 64 हजार पशु बीमारी की चपेट में

Renuka Sahu
13 Sep 2022 1:27 AM GMT
Lumpy virus in Himachal became an epidemic, so far 64 thousand animals are in the grip of disease
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल में पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी अब महामारी बन चुकी है। इसके लिए पशु पालन विभाग की ओर से भी केंद्र को महामारी घोषित करने को लेकर पत्र लिखा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में पशुओं में फैली लंपी स्किन बीमारी अब महामारी बन चुकी है। इसके लिए पशु पालन विभाग की ओर से भी केंद्र को महामारी घोषित करने को लेकर पत्र लिखा है। अब तक इस बीमारी की चपेट में 64 हजार पशु आ चुके हैं। इसमें अधिकतर गोवंश हैं। हिमाचल के अलावा अन्य पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा में इस बीमारी का कहर है। इस बीमारी का मुख्य कारण मक्खी व मच्छर ही माना गया है, जो कि एक पशु से दूसरे पशु तक पहुंच रही है। वहीं, अब हिमाचल में बाहरी राज्यों के पशुओं की ट्रांसपोर्टेशन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सोमवार को लंपी स्किन बीमारी को लेकर केंद्रीय टीम बिलासपुर जिला के दौरे पर पहुंची। उन्होंने बिलासपुर में गांव बलोह के अलावा गेहड़वीं, झंडूता का दौरा किया। वहीं, मंगलवार को यह टीम ऊना जिला का दौरा करेगी।

सीनियर वेटनरी पेथॉलाजिस्ट डा. विक्रम सिंह टीम की अगवाई कर रहे हैं। वहीं, इसके अलावा पशु पालन विभाग बिलासपुर के उप-निदेशक के अलावा हरियाणा के हिसार से ऐपथियोलॉजिस्ट डा. रमेश कुमार, एनईडीडीएल जालंधर से डा. गौरव शर्मा, डा. राजेश चलोटा, डा. अजय, डा. आरडी पैथल भी टीम में थे। इस दौरान डा. विक्रम सिंह ने कहा कि खासकर यह बीमारी गौवंश में ही फैली हुई है। बता दें कि गर्मी के मौसम में यह बीमारी पशुओं में बढ़ती है। किन्नौर, लाहुल-स्पीति में यह बीमारी नहीं है। अब 2804 पशुओं की मौत इस बीमारी से प्रदेश भर में हो चुकी है। वहीं, करीब पौने दो लाख पशुओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश भर में करीब 25 लाख पशु पंजीकृत हैं।
साउथ अफ्रीका से पहुंची बीमारी
पशुओं में पाई जाने वाली यह बीमारी अन्य देशों से यहां पहुंची हैं। केंद्रीय टीम की मानें तो पहले यह बीमारी साउथ अफ्रीका से होती हुई यहां पर पहुंची। वर्ष 2019 से यह बीमारी आई थी, लेकिन इंडिया में पहुंचने के लिए इस बीमारी को करीब तीन साल तक का समय लग गया। वहीं, अब देश भर में करीब 15 राज्य के पशु इस बीमारी से पीडि़त हैं। केंद्रीय टीम के अनुसार जिन पशु पालकों के पशु की मौत लंपी स्किन बीमारी के चलते हुई है।
छह से 21 दिन तक पशु आईसोलेशन
विशेषज्ञों की मानें तो लंपी स्किन बीमारी छह से 21 दिन तक रहती है, लेकिन इस दौरान पशु की मूवमेंट रोकी जाए। वहीं, आईसोलेशन में रखा जाए तो दूसरे पशु तक इस बीमारी के पहुंचने का कम खतरा रहता है।
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