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हिमाचल प्रदेश
घाटे का व्यवसाय, किसान सभा का आरोप, कम हो रहा सरकारी निवेश
Gulabi Jagat
28 July 2022 5:49 AM GMT
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सोलन
वर्तमान में केंद्र सरकार ने कृषि में लागत को लगातार बढ़ाने का काम किया है, जिससे किसानों की आमदनी दोगनी होने के बजाय घट गई है। सरकार कृषि में सरकारी निवेश को लगातार कम कर रही है, जिस कारण धीरे-धीरे कृषि घाटे का व्यवसाय बन रहा है। ये शब्द सोलन में शुरू हुए हिमाचल किसान सभा के 16वें राज्य सम्मेलन अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सह सचिव डा. विज्जू कृष्णनन सहित नौ जिलों से लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान महासचिव हन्नान मोल्ला ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को कॉरपोरेट के पक्ष में तथा किसानों के खिलाफ लागू करने का आरोप लगाया।
हन्नान मोल्ला ने देशव्यापी किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों ने ऐतिहासिक आंदोलन के जरिए 500 से ज्यादा संगठनों को एक कड़ी में पिरोकर व्यापक एकता बनाते हुए 380 दिनों तक जबरदस्त संघर्ष किया, जिसका परिणाम यह निकला कि केंद्र की तानाशाही रवैया अपनाने वाली मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को जिस चुप्पी से बनाए थे, उसी चुप्पी से वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि किसानों को लाभ देने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के लिए आंदोलन जारी है। 31 जुलाई को पूरे देश मे व्यापक प्रदर्शन होंगे, क्योंकि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को दिल्ली से उठाने के समय छह शर्तों पर अपनी सहमति दी थी, लेकिन अब वादाखिलाफी कर रही है। सम्मेलन में राज्य महासचिव डा. ओंकार शाद ने पिछले पांच वर्षों के दौरान किए कार्यों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
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