हिमाचल प्रदेश

ऊना में शराब के ठेके 1 अरब 43 करोड़ में नीलाम

Shantanu Roy
19 March 2023 8:56 AM GMT
ऊना में शराब के ठेके 1 अरब 43 करोड़ में नीलाम
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ऊना। जिला ऊना के 126 शराब के ठेकों के 11 यूनिटों की नीलामी में 1 अरब 43 करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगी है। इस प्रक्रिया में कुल 54 बोलीदाता थे और 1 अरब रुपए के निर्धारित रिजर्व मूल्य के मुकाबले 1 अरब 43 करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगी। 37 फीसदी इजाफा हुआ और 38 करोड़ 69 लाख रुपए की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि बंगाणा यूनिट के विवाद को एक्साइज हैडक्वार्टर भेजा गया है। नीलामी व टैंडर प्रक्रिया शनिवार को सुबह करीब 12 बजे आरंभ हुई जोकि 5 बजे तक चली।
ठेकेदारों ने टैंडर भी भरे और बोलियां भी लगाईं। एडीसी महेन्द्र पाल गुर्जर, ज्वाइंट कमीश्नर विवेक महाजन, डीसी एसटीई विनोद सिंह डोगरा, फ्लाइंग स्क्वायड के ज्वाइंट कमिश्नर नरेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारियों की टीम ने यह प्रक्रिया पूरी की। पिछले वर्ष के मुकाबले में ठेकों की नीलामी से साढ़े 49 करोड़ रुपए से अधिक की 52.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले वर्ष जिला ऊना में यह तमाम ठेके करीब 94 करोड़ रुपए में आबंटित किए गए थे। सरकार की तरफ से तय की गई राशि से 37 फीसदी जोकि 38 करोड़ 69 लाख से अधिक का इजाफा हुआ है।
इन यूनिट्स की लगी बोली
ऊना सदर के यूनिट को लगी 22.99 करोड़ की बोली, मदन लाल जसवाल ग्रुप को आबंटित.
मैहतपुर यूनिट को लगी 9.58 करोड़ की बोली, मैसर्ज बीके लीकर को आबंटित.
संतोषगढ़ यूनिट के लिए लगी 9.20 करोड़ की बोली, मैसर्ज कांडा वाइन को आबंटित.
टाहलीवाल यूनिट 9.31 करोड़ में बिका, राम सिंह ग्रुप को आबंटित.
हरोली यूनिट 13.99 करोड़ में बिका, मैसर्ज शमशेर सिंह ग्रुप को आबंटित.
बड़ूही-तलमेहड़ा यूनिट 12.21 करोड़ में बिका, मैसर्ज आस्था वाइन ग्रुप को आबंटित.
गगरेट यूनिट की लगी 12.65 करोड़ की बोली, विश्वजीत सिंह पटियाल ग्रुप को आबंटित.
दौलतपुर यूनिट 13 करोड़ से अधिक राशि पर विश्वजीत सिंह पटियाल ग्रुप को आबंटित.
अम्ब यूनिट 13.75 करोड़ में बिका, मैसर्ज डोगरा एंड कंपनी को आबंटित.
मुबारिकपुर यूनिट 12.99 करोड़ में बिका, मैसर्ज अनिल अग्रवाल ग्रुप को आबंटित.
बंगाणा यूनिट को लगी 14 करोड़ की बोली
बंगाणा यूनिट के लिए 5 आवेदन आए तथा इसमें विभाग ने 10 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि निर्धारित की थी और मैसर्ज अनिल कुमार एसोसिएट ने 35 फीसदी इजाफे के साथ 14 करोड़ रुपए की अधिकतम बोली लगाई। हालांकि इसमें एक टैंडर ऐसा भी था जिसमें लिखित और अंकों में राशि में अंतर था जिसके चलते इसे मुख्यालय को आगामी निर्धारण के लिए भेजा गया।
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