- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- हत्या के 2 दोषियों को...
x
मंडी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी की अदालत ने हत्या के अपराध में 2 दोषियों को आजीवन कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। उपजिला न्यायवादी मंडी नवीना राही ने बताया कि शिकायतकर्ता श्रेष्ठा देवी ने 5 नवम्बर, 2011 को दोषियों कुलभूषण व वीरेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी कि 4 नवम्बर, 2011 को उसके परिवार के सभी लोग खाना खाने के पश्चात अपने अपने-अपने कमरों में सो गए थे। रात 11.45 बजे किसी गाड़ी के रुकने व गाने की आवाज सुनाई दी। जब मैं और मेरा देवा सुनील बाहर निकले तो टॉच से देखा कि सड़क पर खड़ी गाड़ी से मेरे ताया ससुर के लड़के वीरेंद्र, सुरेंद्र, कुलभूषण एवं भोपाल अपने अपने हाथों में डंडे व हथियार लेकर बाहर निकले। जैसे ही वे गाड़ी से निकलकर गाली-गलौच करने लगे तो मेरे दूसरे देवर कल्याण व सुनील तथा पति ओंकार भी घर से बाहर आ गए आए। इसी दौरान आरोपियों ने डंडों व हथियारों से मेरे देवरों और पति को मारना शुरू कर दिया।
उसके उपरांत दोषी वीरेंद्र कुमार डंडा लेकर मकान की उपरी मंजिल में आ गया और धमकियां देने लगा कि सारे परिवार को खत्म कर देंगे। उक्त दोषियों द्वारा डंडों व हथियारों से मारपीट करने के कारण ओंकार सिंह तथा अनिल कुमार की मृत्यु हो गई थी जबकि मीरा देवी की चोट लगने के कारण अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। इस घटना के आधार पर दोषियों के खिलाफ पुलिस थाना जोङ्क्षगद्रनगर जिला मंडी में अभियोग दर्ज हुआ था। मामले की छानबीन पूरी होने पर मामले का चालान थाना अधिकारी जोगिंद्रनगर द्वारा अदालत में दायर किया था। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 38 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए थे। इस मामले में सरकार की तरफ से पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम व उपजिला न्यायवादी मंडी नवीना राही के द्वारा अमल में लाई गई थी।
मामले में अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषी कुलभूषण व वीरेंद्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा के साथ 300000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। यदि दोषी जुर्माने की रकम को जमा करवाने में विफल रहते हैं तो उन्हें 3 साल के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 326, 34 के तहत प्रत्येक दोषी को 7 साल के कठोर कारावास व 10000 रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। यदि दोषी जुर्माने की रकम को जमा करवाने में विफल रहते हैं तो उन्हें 1 साल के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।
इसके अतिरिक्त दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 34 के तहत 6 महीने के कठोर कारावास व 1000 रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। यदि दोषी जुर्माने की रकम को जमा करवाने में विफल रहते हैं तो उन्हें 1 महीने के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 34 के तहत प्रत्येक दोषी को 3 साल के कठोर कारावास व 10000 रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। यदि दोषी जुर्माने की रकम को जमा करवाने में विफल रहते हैं तो उन्हें 6 महीने के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सजा भुगतनी होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 506, 34 के तहत प्रत्येक दोषी को 2 साल के कठोर कारावास व 5000 रुपए के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। यदि दोषी जुर्माने की रकम को जमा करवाने में विफल रहते हैं तो उन्हें 3 महीने के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।
Tagsदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the daycrime newspublic relation newscountrywide big newslatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newspublic relation big newscountry-world newsstate wise newsToday's NewsBig NewsNew NewsDaily NewsBreaking News
Admin4
Next Story