हिमाचल प्रदेश

सेब के फूलों से गुलजार लाहौल-स्पीति के बाग

Admin Delhi 1
25 May 2023 12:57 PM GMT
सेब के फूलों से गुलजार लाहौल-स्पीति के बाग
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मनाली न्यूज़: अनोखे स्वाद वाले मटर और आलू की खेती के लिए मशहूर आदिवासी जिले लाहौल स्पीति के खेत आजकल सेब के आकर्षक फूलों से गुलजार हैं. पड़ोसी कुल्लू जिले में सेब के पेड़ों में फूल आए भले ही दो महीने बीत गए हों, लेकिन लाहौल स्पीति में इन दिनों पेड़ों में फूल आने का सिलसिला जारी है. मौसम में आए बदलाव से घाटी में फलदार पौधों में फूलों की बहार आने से घाटी और भी आकर्षक नजर आने लगी है। इसलिए लाहुल स्पीति में लगातार फैल रहे सेब के नए फूलों से आदिवासी बागवानों के चेहरे भी खिले हुए हैं। पिछले 15 वर्षों में आदिवासी जिले लाहौल स्पीति में सेब की खेती के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 1100 हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2007-08 में यहां लगभग 420 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की बागवानी की जा रही थी, जो अब बढ़कर लगभग 1550 हेक्टेयर हो गई है। वहीं जिले में सेब का उत्पादन भी 400 मीट्रिक टन बढ़ा है।

15 साल पहले यह उत्पादन करीब 100 मीट्रिक टन था, जो बढ़कर करीब 500 मीट्रिक टन हो गया है। लाहुल स्पीति में सेब का उत्पादन बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय सहित सरकार व उद्यान विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. जानकारी के अनुसार जिले की लाहुल घाटी में करीब 890 हेक्टेयर सेब के बाग किए जा रहे हैं, जबकि स्पीति के क्षेत्रों में 660 हेक्टेयर भूमि शामिल की गई है. इसके अलावा लगभग 65 हेक्टेयर में समशीतोष्ण फलों के साथ सूखे मेवों की खेती की गई है। इन दिनों लाहुल क्षेत्र की पट्टन घाटी के जाहलमा, त्रिलोकीनाथ, जाहलमा, लोट, थोलंग, गोशाल, मूरिंग, मूलिंग सहित दर्जनों गांवों में सेब के पेड़ों पर सिर्फ फूल ही फूल नजर आ रहे हैं और बागवान तरह-तरह के छिड़काव और खाद डालने का काम कर रहे हैं. भी निपटाए जा रहे हैं। लाहुल स्पीति में सेब की फसल अक्टूबर माह में बाजार में आ जाती है और इससे बागवानों की आर्थिकी भी मजबूत हो रही है. घाटी के सेब उत्पादकों के अनुसार, सरकार को जिले में कृषि-बागवानी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने पर जोर देने की जरूरत है। लाहौल स्पीति स्थित केवीके कुकुमसेरी के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. केसी शर्मा का कहना है कि सब्जी उत्पादन के साथ-साथ लाहौल स्पीति में सेब का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है और यह अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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