हिमाचल प्रदेश

जानिए क्यों सीएम बोले, सरकार ने पूरी की दो गारंटियां

Gulabi Jagat
17 May 2023 9:47 AM GMT
जानिए क्यों सीएम बोले, सरकार ने पूरी की दो गारंटियां
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शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मशोबरा में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय सिपुर मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकताओं से भली-भांति परिचित है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शीघ्र ही एक नई योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों के दौरान सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों से दस लीटर गाय का दूध 80 रुपए प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपए प्रति लीटर प्रतिदिन खरीदने का वादा किया था और सरकार इस योजना को धरातल पर उतराने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान कर कांग्रेस प्रतिज्ञा पत्र की पहली गांरटी को अपनी पहली ही मंत्रिमंडल बैठक में पूरा किया।
इसके साथ ही इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि के तहत प्रथम चरण में प्रदेश की 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह प्रदान करने का निर्णय लेकर अपनी दूसरी गारंटी भी पूरी की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार को पूर्व की भाजपा सरकार से कमजोर अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है और आज प्रत्येक प्रदेशवासी पर लगभग 93 हजार रुपए का ऋण है। वर्तमान प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से कार्य करते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रही है और आगामी दस वर्षों में हिमाचल देश के सबसे समृद्ध राज्य में शुमार होगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रदेश में विकास कार्यों में कमी नहीं आने दी जाएगी और प्रदेश सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत निराश्रित एवं अनाथ बच्चों को राज्य सरकार ने ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के रूप में अपनाया है। इस योजना के अंतर्गत उन्हें नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने सहित वर्ष में एक बार भ्रमण पर ले जाने, चार हजार रुपए जेब खर्च एवं गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कारावास में बंदियों को हिमकेयर योजना के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है और इसके प्रीमियम की किस्त भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लोक गायक कुलदीप शर्मा ने प्रभावी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश राज्य वन निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, चंद्रकांता, गोपाल शर्मा एवं रितेश कपरेट, अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
इथेनॉल प्लांट में आधी हिस्सेदारी की तैयारी
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के साथ बैठक में मुख्यमंत्री का ऐलान, 10 दिन के भीतर शुरू होगा भूमि अधिग्रहण का काम
राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार देर सायं यहां जिला ऊना के गगरेट विधानसभा क्षेत्र के जीतपुर बेहरी में प्रस्तावित इथेनॉल प्लांट के निर्माण की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) द्वारा 30 एकड़ भूमि पर लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से यह संयंत्र स्थापित किया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार परियोजना में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी निवेश करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को भंजाल से संपर्क सडक़ के लिए 10 दिन के भीतर भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करने का भी निर्देश दिया। साथ ही प्लांट के निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का भी आश्वासन दिया।
20 एकड़ एक्स्ट्रा भूमि देगी सरकार
कंपनी के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को संयंत्र के लिए 20 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। विधायक चैतन्य शर्मा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे गगरेट क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा और परिवहन उद्योग के लिए भी यह वरदान साबित होगा।
पॉवर प्रोजेक्ट्स में बढ़ेगी सरकारी हिस्सेदारी
नई ऊर्जा नीति पर काम कर रही सरकार, तीन प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना
विशेष संवाददाता — शिमला
हिमाचल में राजस्व के सबसे अहम स्रोत ऊर्जा पर राज्य सरकार ने काम शुरू कर दिया है। इस कड़ी में आगामी दिनों में बिजली परियोजनाओं पर सरकार की हिस्सेदारी तीन फीसदी तक बढ़ाई जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार नई ऊर्जा नीति बनाने पर विचार कर रही है। इस ऊर्जा नीति में जलविद्युत परियोजनाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति के तहत भविष्य में मुफ्त बिजली रॉयल्टी में मोहलत का प्रावधान पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा और पूर्व में दी गई छूट को समाप्त करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पहले 12 वर्ष तक 15 फीसदी, अगले 18 वर्ष तक 20 फीसदी और इससे अगले 10 वर्ष तक 30 फीसदी हिस्सा देने का प्रावधान होगा। अभी तक पहले 12 वर्ष के लिए 12 फीसदी, अगले 18 वर्ष के लिए 18 फीसदी और इससे अगले 10 वर्ष के लिए 30 फीसदी का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं की लागत वसूल हो गई है, उनमें राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए केंद्र सरकार और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों से पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सरकार की नीति के अनुसार जमीन चालीस वर्ष के पट्टे पर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए पूर्व-कार्यान्वयन और कार्यान्वयन समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को गंभीरता से लिया और ऊर्जा विभाग को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव ऊर्जा राजीव शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल में चल रही 172 बिजली परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 11149.50 मेगावॉट क्षमता की 172 जलविद्युत परियोजनाएं कार्यशील हो चुकी हैं, जबकि 2454 मेगावाट क्षमता की 58 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं में अनावश्यक विलंब न हो और ऊर्जा विभाग को इनकी निगरानी के लिए तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के निर्माण में देरी से प्रदेश के राजस्व को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निदेशालय को सुदृढ़ किया जाएगा और विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
रद्द होगा ठप पड़ी परियोजनाओं का आबंटन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन बिजली परियोजनाओं ने काम शुरू नहीं किया है, उनका आबंटन तत्काल रद्द किया जाएगा। बिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए दोबारा से प्राथमिकताएं तय की जाएंगी और किसी दूसरी कंपनी को परियोजना जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन राज्य सरकार के लिए आय का मुख्य स्रोत है और प्रदेश के राजस्व अर्जन में किसी भी तरह के नुकसान से समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थापित की जा रही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की भी समीक्षा की और इनके कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
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