हिमाचल प्रदेश

जानिए 45 अंकों की शर्त मान्य होगी या नहीं, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जारी की अधिसूचना

Admin Delhi 1
9 Jun 2022 10:23 AM GMT
जानिए 45 अंकों की शर्त मान्य होगी या नहीं, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने जारी की अधिसूचना
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शिमला: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 13 नवंबर, 2019 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि 29 जुलाई, 2011 से पूर्व स्नातक उत्तीर्ण करने वाले उन व्यक्तियों पर न्यूनतम 50 या 45 फीसदी अंकों की शर्त लागू नहीं होगी जिन्होंने बीएड अथवा प्राथमिक शिक्षा स्नातक कोर्स में दाखिला ले लिया था। एनसीटीई ने अपनी अधिसूचना 29 जुलाई, 2011 से प्रभावी करते हुए लागू करने की अधिसूचना कर दी है जिसका आधार सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जुलाई, 2017 को दिए गए आदेश हैं। इसमें न्यूनतम अंकों की शर्त में छूट के लिए पूरक अधिसूचना भूतलक्षी प्रभाव से जारी की जाए। यह संशोधन एनसीटीई की 23 अगस्त, 2010 की अधिसूचना में किया गया है और इससे प्रदेश के हजारों शिक्षक व बेरोजगार लाभान्वित होंगे जिनको स्नातक या स्नातकोत्तर में 50 प्रतिशत अंक न होने के चलते पदोन्नति या नियुक्ति से वंचित रहना पड़ा है। जुलाई, 2020 से यह मामला कैबिनेट अप्रूवल के लिए गया है मगर इस बारे अंतिम निर्णय अब तक अधिसूचित न हो सका।

पीजीटी भर्ती नियमावली 2010 को संशोधित करते हुए 14 मई, 2012 को शिक्षा सचिव हिमाचल सरकार ने पदोन्नति नियम बदलते हुए साफ किया था कि टीजीटी से पीजीटी पदोन्नति पात्रता के लिए संबंधित विषय व बीएड कोर्स में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की शर्त 19 अगस्त 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों पर लागू नहीं होगी। प्रदेश के हजारों टीजीटी शिक्षक इस अधिसूचना से लाभान्वित होने थे लेकिन आठ जुलाई, 2020 को प्रदेश शिक्षा विभाग ने प्रवक्ता स्कूल नई व्यवस्था भर्ती पदोन्नति नियमावली संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों की शर्त संबंधित विषय और बीएड में भी लगा दी है और यह स्पष्ट नहीं किया है किया है कि 19 अगस्त, 2011 से पूर्व नियुक्त टीजीटी शिक्षकों को अब न्यूनतम अंकों की शर्त में वर्ष 2012 में मिली छूट बरकरार है या इस रद्द कर दी गई है। राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने शिक्षा विभाग व सरकार से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने की अपील की है।

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