हिमाचल प्रदेश

जानें कैबिनेट के बड़े फैसले, हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा

Admin4
22 Aug 2022 3:27 PM GMT
जानें कैबिनेट के बड़े फैसले, हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कर्मचारियों व अन्य वर्गों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की दरों, पात्रता और अधिकतम सीमा में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की। एचबीए की अधिकतम सीमा अब मूल वेतन का 25 गुणा होगी। इसमें अधिकतम 15 लाख रुपये तक के नए निर्माण या नए घर, फ्लैट की खरीद और राशि चुकाने की क्षमता की शर्त लागू रहेगी।

कैबिनेट ने कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को राहत के रूप में न्यूनतम 55,000 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये का प्रावधान करने का निर्णय लिया। अनुबंध कर्मचारियों के परिजनों के लिए न्यूनतम 35,000 और अधिकतम एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। कैबिनेट में राज्य में हाल ही में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से हुए जानमाल के भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की है। बैठक में कैबिनेट ने प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण 32 लोगों के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारी बारिश के कारण प्रदेश में अभी भी कम से कम 6 लोग लापता हैं और 12 घायल हो गए हैं।

खैर के पेड़ काट सकेंगे

कैबिनेट ने प्रदेश के निचले और मध्य क्षेत्रों के किसानों को लाभान्वित करने के लिए निजी भूमि से खैर के पेड़ों के कटान की नीति की समीक्षा करने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक के दौरान कांगड़ा जिले के राजकीय महाविद्यालय थुरल में शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मचारियों के 10 पदों को भरने का निर्णय भी लिया गया। बिलासपुर जिले के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के उच्च विद्यालय ठठल जंगल को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला और मंडी जिला के अनाह तथा खाबलेच के मिडल स्कूलों को हाई स्कूलों के रूप में अपग्रेड करने के साथ-साथ आवश्यक पदों के सृजन का निर्णय लिया।

शिंगला में नया राजकीय संस्कृत महाविद्यालय

कैबिनेट ने शिमला जिला के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के शिंगला में नया राजकीय संस्कृत महाविद्यालय खोलने के साथ-साथ इस महाविद्यालय के संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के पदों के सृजन व बुनियादी ढांचे के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान करने का निर्णय लिया। बैठक में कुल्लू जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लगौटी और पुजाली में विज्ञान की कक्षाएं तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चनौन में वाणिज्य की कक्षाएं शुरू करने तथा नौ पदों के सृजन का निर्णय लिया गया।

नए आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खुलेंगे

मंत्रिमंडल ने हमीरपुर जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र के बराड़ा गांव में आवश्यक पदों के सृजन के साथ नया आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की।

इसके अलावा कांगड़ा जिला के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव सोगट में तीन पदों के सृजन सहित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को भी मंजूरी दी गई।

नौणी विवि में 60 पद भरने का निर्णय

कैबिनेट ने कांगड़ा जिला में जल शक्ति विभाग के धर्मशाला जोन के तहत भवारना में विभिन्न श्रेणियों के अपेक्षित पदों के सृजन के साथ नया जल शक्ति वृत्त कार्यालय खोलने को स्वीकृति प्रदान की। सोलन जिले के डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में अनुबंध आधार पर गैर शिक्षण कर्मचारियों के 60 पदों को भरने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मंडी जिला के सिद्धपुर में उत्कृष्टता केंद्र, उप निदेशक बागवानी का कार्यालय खोलने का भी निर्णय लिया। क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए शिमला जिला के डोडरा क्वार में विषयवाद विशेषज्ञ (बागवानी) का कार्यालय खोलने का निर्णय लिया।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

बैठक में मंडी जिला के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बगस्याड़ में आईओटी तकनीकी (स्मार्ट एग्रीकल्चर), मैकेनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल और आईओटी तकनीकी (स्मार्ट हेल्थ केयर) के नए ट्रेड शुरू करने एवं आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई। कैबिनेट ने कांगड़ा जिला के डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में सहायक प्रोफेसर के एक पद, सीनियर रेजिडेंट के एक पद और न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नॉलिजिस्ट के दो पदों को सृजित करने को मंजूरी प्रदान की।

दो राजकीय महाविद्यालय बनाने की स्वीकृति

बैठक में लाहौल-स्पीति जिले के काजा तथा शिमला जिला के ज्योरी में राजकीय महाविद्यालय बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सोलन जिले के नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के पक्ष में अपनी स्वीकृति प्रदान की। बैठक के दौरान कैबिनेट के सदस्यों ने प्रदेश में सीमेंट की उपलब्धता एवं गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए उद्योग और ग्रामीण विकास विभाग के निदेशकों और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक को स्थिति का जायजा लेने तथा तीन दिन के भीतर मुख्य सचिव को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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