- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- प्रदेश में होने है...
x
शिमला | राज्य में अभी मानसून की वर्षा लोगों की परेशानियों को बढ़ाएगी। इस माह भी लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है और राज्य में 30 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा, जबकि मंगलवार व शुक्रवार को यैलो, वहीं बुधवार व वीरवार को ऑरैंज अलर्ट रहेगा। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने और बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं। इसे देखते हुए लोगों को उफनते नदी-नालों के आसपास और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह देते हुए एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है।
सोमवार को भुंतर में अधिकतम तापमान 33 व केलांग में न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री, वहीं राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान 22.9 डिग्री व धर्मशाला में 32.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वर्षा का दौर भी जारी है और मंडी में 5, ऊना में 3, बजौरा में 1.5 व सराहन में 0.5 मिलीमीटर, जबकि पिछले 24 घंटों में पच्छाद में 3, नाहन, सोलन, कसौली, पालमपुर, चौपाल मेें 2, धर्मशाला व भोरंज में 1 सैंटीमीटर वर्षा हुई है।
राज्य में जुलाई महीने के दौरान सामान्य से 109 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। 1 से 23 जुलाई के बीच अमूमन 184.1 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है लेकिन इस बार 384.7 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सिरमौर जिले में सबसे ज्यादा 981.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे पहाड़ों पर खूब तबाही हुई है। लैंडस्लाइड व फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से 44 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में 4 नैशनल हाईवे सहित 600 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसमें शिमला में 251, मंडी में 51, चंबा में 66, कुल्लू में 120, सिरमौर में 47, सोलन में 28 सहित अन्य जिलों में सड़कें बंद हैं, जबकि 359 ट्रांसफार्मर ठप्प चल रहे हैं, वहीं 324 पेयजल योजनाएं बाधित हैं।
भारत-तिब्बत सीमा को जोडऩे वाला एन.एच.-05 भी शिमला के छराबड़ा में सोमवार दोपहर बाद देवदार का पेड़ गिरने की वजह से एक घंटे के लिए बंद रहा, जो शाम 4 बजे तक बहाल किया गया। गनीमत यह रही कि पेड़ गिरने के वक्त कोई गाड़ी नहीं गुजर रही थी। वहीं सुबह के समय धामी-बसंतपुर-किंगल सड़क भी जलोग से 5 किलोमीटर आगे मालगी पुल के पास डंगा धंसने से अवरुद्ध हो गई।
प्रदेश भर में 31 दिनों की अवधि में 164 लोगों की हुई मौत में भूस्खलन और बाढ़ आने के कारण ही 47 लोगों की जान गई है। भूस्खलन की राज्य में 67 और बाढ़ आने की 48 घटनाएं घटित हुई हैं। 119 लोगों की सड़क हादसों, आग, डूबने, पहाड़ी से गिरने, स्नेक बाइट, विद्युतीकरण के कारण जान गई है। 12 लोग लापता हुए हैं और 192 लोग घायल भी हुए हैं।
इस दौरान 669 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 5491 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। 236 दुकानों व 1668 गौशालाओं को क्षति पहुंची है। राज्य में 52.69 अरब की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है, जिसमें से जल शक्ति विभाग को 1542.70, लो.नि.वि. को 1666.58, विद्युत बोर्ड को 1482.72, बागवानी विभाग को 144.88, अर्बन डिवैल्पमैंट को 6.47, जबकि कृषि विभाग को 167.29 करोड़ की चपत लग चुकी है।
Next Story