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हिमाचल प्रदेश
नौणी विश्वविद्यालय में सतत् और स्थानीय खाद्य प्रणालियों पर अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू
Shantanu Roy
12 Oct 2022 9:56 AM GMT

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सोलन। डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के सहयोग से 4 सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम सतत् और स्थानीय खाद्य प्रणाली विषय पर शुरू किया है। भारत से नौणी विश्विविद्यालय, तंजानिया, युगांडा, मोरक्को और मलावी सहित 5 देशों के 30 से अधिक वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। यह पाठ्यक्रम एफएओ और फ्रैंच नैशनल रिसर्च इंस्टीच्यूट फॉर एग्रीकल्चर, फूड एंड एन्वायरमैंट (आईएनआरएई) द्वारा प्रकाशित 'सस्टेनेबल फूड सिस्टम्स: इनोवेटर्स हैंडबुक' पर आधारित है। यह पाठ्यक्रम गुस्ताव एफिल विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित किया गया है। 4 सप्ताह (38 घंटे) का यह पाठ्यक्रम ऑनलाइन सामग्री के स्व-पुस्तक अध्ययन और असाइनमैंट की एक श्रृंखला के साथ लाइव ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाओं का संयोजन कर रहा है। यह पाठ्यक्रम विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित आईसीएआर की एनएएचईपी संस्थागत विकास योजना के तहत विश्वविद्यालय में लागू किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफैसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान और भविष्य के खाद्य प्रणालियों के इनोवेटर्स को कृषि पारिस्थितिकी के माध्यम से कृषि परिदृश्य विविधीकरण के आधार पर स्थानीय खाद्य प्रणालियों को बनाने या बदलने में मदद करना है। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को एक सूत्रधार बनने के लिए सशक्त बनाना है ताकि वह स्थानीय क्षेत्र में अन्य लोगों के साथ काम करने के लिए इस प्रशिक्षण टेम्पलेट का उपयोग करने में सक्षम बने और आगे चल कर नवीन खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन हो सके। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम स्थानीयकरण और वृत्ताकार अर्थव्यवस्था की अवधारणाओं की समझ को बढ़ाएगा और इसे स्थानीय खाद्य प्रणालियों पर लागू करेगा। प्रो. चंदेल ने कहा कि प्रतिभागियों को स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक इनोवेटर्स के एक नेटवर्क की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और उनके सहयोग से अपने स्थानीय क्षेत्र में इनोवेटर्स को फूड सिस्टम ट्रांसफॉर्मेशन पर प्रशिक्षित करना है। प्रसिद्ध टिकाऊ खाद्य प्रणाली, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ आशीष गुप्ता, विज्ञान, नवाचार और समाज के लिए अंतःविषय प्रयोगशाला (एलआईएसआईएस) के सह-निदेशक और आईएनआरएई में एक शोध प्रोफैसर डॉ एलिसन लोकोंटो, इकोसेल्वा के जर्मन विशेषज्ञ सहित कई अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय विशेषज्ञ इस अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे।
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